बस्ती। उत्तर प्रदेश सरकार ने खाद वितरण को लेकर बड़ा फैसला लिया है। प्रमुख सचिव (कृषि) के आदेश पर अब प्रदेश की सहकारी समितियों से खाद केवल उन्हीं किसानों को दी जाएगी जो समिति के सदस्य हैं। गैर-सदस्य किसानों को खाद लेने के लिए बाहर की अधिकृत दुकानों या टॉप-रिटेलरों से खरीद करनी होगी।
उक्त जानकारी देते हुये जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन राजेन्द्रनाथ तिवारी ने कहा इस फैसले के पीछे सरकार का तर्क है कि अब तक समितियों से खाद वितरण में अनियमितता और बिचौलियों के कारण वास्तविक किसानों को समय पर खाद नहीं मिल पा रही थी। कई जगह शिकायतें आई थीं कि खाद की उपलब्धता होते हुए भी किसान खाली हाथ लौट रहे हैं। सरकार ने कहा है कि समिति सदस्यता के आधार पर ही खाद वितरण से पारदर्शिता बढ़ेगी और वास्तविक लाभ सीधे किसानों को मिलेगा।
इसके अलावा यह कदम किसानों को सहकारी समितियों से जुड़ने के लिए भी प्रेरित करेगा, जिससे वे अन्य कृषि योजनाओं और सुविधाओं का लाभ भी उठा सकेंगे। निर्देशों के मुताबिक समितियों की बैठक में खाद उपलब्धता और वितरण की समीक्षा की जाएगी और प्रत्येक जिले की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जाएगी। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि बाजार से खाद खरीदने वाले गैर-सदस्य किसानों को भी समय पर पर्याप्त मात्रा में गुणवत्तापूर्ण खाद उपलब्ध हो। कृषि विभाग का मानना है कि इस नीति से एक तरफ खाद वितरण की गड़बड़ी रुक सकेगी, वहीं दूसरी ओर सहकारिता आंदोलन भी मजबूत होगा।