आगरा। आगरा में तीन साल आठ महीने बाद कोई बदमाश एनकाउंटर में मारा गया है। जो बदमाश एनकाउंटर में मारा गया है उसने दुस्साहसिक घटना को अंजाम दिया था। एक ज्वेलर के यहां लूट कर विरोध करने पर उसकी हत्या कर दी थी। आज हुए एनकाउंटर के असली हीरो पुलिस कमिश्नर आगरा दीपक कुमार रहे हैं। घटना के खुलासे के लिए उन्होंने दिन-रात एक कर दिए।
भाजपा सरकार में एक के बाद एक बड़े अपराधियों के एनकाउंटर हो रहे हैं। आगरा की बात करें तो यहां पर आज से पहले 17 जुलाई 2021 को कमला नगर स्थित मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी की शाखा में डाका डालने वाले दो बदमाश फिरोजाबाद निवासी मनीष पांडेय और निर्दोष कुमार को घटना के कुछ देर बाद ही एत्मादपुर में ढेर किए गए थे। उस समय आगरा में एडीजी के रूप में एडीजी राजीव कृष्ण, आईजी के रूप में नवीन अरोड़ा और एसएसपी के रूप में मुनिराज तैनात थे।
बदमाश 17 किलो सोना लूट कर ले गए थे। 25 मिनट में उन्होंने पूरी वारदात को अंजाम दिया था। मनीष और निर्दोष के एनकाउंटर के बाद विद्या नर्सिंग होम के संचालक डॉ. उमाकांत गुप्ता के अपहरण में वांछित बदमाश बदन सिंह को पुलिस ने 21 जुलाई 2021 को जगनेर क्षेत्र में मुठभेड़ में ढेर किया था। उसका साथी अक्षय राठौर भी मारा गया था। अगस्त 2021 में 50 हज़ार का इनामी मुकेश ठाकुर एनकाउंटर में मारा गया था। मुकेश के ऊपर 41 मुकदमे दर्ज थे। कद काठी से वह पहलवान था। 14 मुकदमों में वांछित चल रहा था।