आगरा: हमलावर खुलेआम घूम रहे हैं। वीडियो जारी कर धमकियां दे रहे हैं। पुलिस उन्हें पकड़ने की बजाय मुझे रोक रही है। यह सब मुख्यमंत्री कार्यालय के इशारे पर हो रहा है। ये बातें मंगलवार को समाजवादी पार्टी सांसद रामजी लाल सुमन ने संजय प्लेस स्थित आवास पर कहीं। जहां पुलिस ने उन्हें कासगंज जाने से पहले फिर नजरबंद किया था। सुबह आठ बजे ही कई सर्किल का पुलिस फोर्स संजय प्लेस, एचआईजी फ्लैट स्थित सपा सांसद के आवास पर पहुंच गया। आवास को छावनी में तब्दील कर दिया। सपा सांसद रामजी लाल सुमन कासगंज के पटियाली जाना के लिए निकलने वाले थे। पटियाली में पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के साथ पुलिस पर बर्बरता के आरोप थे।
सपा राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व केंद्रीय मंत्री रामजी लाल सुमन ने कहा कि 26 मार्च को जब मेरे घर पर कातिलाना हमला हुआ था। तब पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दस टीमें बनाने की बात कही थी। लेकिन, हमलावर नहीं पकड़े गए। हमलावर खुलेआम शहर में घूम रहे हैं। धमकियां दे रहे हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय की मिलीभगत है। इसलिए पुलिस और प्रशासन अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा।
आरोपियों से पुलिस की नूरा कुश्ती

सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने कहा कि जिनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उनसे पुलिस नूरा कुश्ती का खेल रही है। मुझ पर पाबंदियां लगाई जा रही हैं। मैं इसकी निंदा करता हूं। मुझे लगता है दलित, पिछड़े व अल्पसंख्यक जिन पर जुल्म हो रहा है, उनके दुख में हम शरीक न हों, पुलिस इसी मंशा से काम कर रही है। यह लोकतंत्र की मर्यादा के खिलाफ है।
सांसद आवास पहुंची समर्थकों की भीड़
सपा सांसद को नजरबंद करने की सूचना पर सोमवार सुबह से समर्थकों की सुमन के आवास पर भीड़ जुट गई। महानगर अध्यक्ष वाजिद निसार, पूर्व पार्षद मुकेश यादव, प्रदेश सचिव ममता टपलू, सलीम शाह, सांसद प्रतिनिधि धर्मेंद्र यादव, सुरेश कुशवाह, गौरव यादव, नीरजकांत, राजपाल यादव, बलविंदर सिंह जाटव, ज्ञानेंद्र जाटव, योगेश प्रधान, राम नरेश, दिवाकर गुर्जर आदि सैकड़ों लोग सांसद आवास पर मौजूद रहे।
क्षत्रिय समाज का विरोध प्रदर्शन स्थगित
समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद रामजी लाल सुमन का पटियाली क्षेत्र के गांव दयोरईया का प्रस्तावित दौरा रद्द हो गया। आगरा में पुलिस द्वारा हाउस अरेस्ट किए जाने के कारण वे गांव नहीं पहुंच सके। उनके दौरे को देखते हुए क्षत्रिय समाज के लोगों ने विरोध प्रदर्शन की तैयारी की थी, क्योंकि उन्होंने वीर राणा सांगा पर कथित रूप से अमर्यादित टिप्पणी की थी, जिससे समाज में आक्रोश था। सांसद सुमन के आगमन की सूचना मिलने पर क्षत्रिय समाज के लोगों ने रातोंरात विरोध की योजना बनाई। पटियाली इलाके में विभिन्न मार्गों पर काले झंडे लेकर लोग एकत्रित हुए और सांसद के आगमन का इंतजार करते रहे। जब उन्हें सांसद के न आने की सूचना मिली, तो वे प्रदर्शन स्थगित कर वापस लौट गए।