आगरा: जिले में शुक्रवार को माहौल तब गर्म हो गया जब जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने पत्रकारों के सामने पहलगाम हत्याकांड पर तीखा प्रहार करते हुए कहा —
“ये हमला नहीं, ये सीधी युद्ध की चेतावनी है! अब बस बहुत हुआ। सिर्फ़ कड़े शब्दों से काम नहीं चलेगा, अब बंदूक की भाषा में जवाब देना होगा।“
📣 उन्होंने साफ कहा कि धर्म पूछकर की गई हत्या, कोई सामान्य आतंकी घटना नहीं, बल्कि एक सोची-समझी साजिश है।
💧 सिंधु जल संधि? उस पर भी सवाल उठाया गया —
“हर बार सरकार पानी रोकने की धमकी देती है। लेकिन क्या आतंकवाद पानी से डरता है? नहीं! अब बात चेतावनी की नहीं, प्रतिशोध की होनी चाहिए!“
🎯 शंकराचार्य की बात यहीं नहीं रुकी —
“पहले उन दरिंदों को पकड़ो जो इस नरसंहार के पीछे हैं। फिर सीमा पार बैठे उनके आकाओं को ऐसा सबक सिखाओ कि पीढ़ियों तक याद रखें।”
🐄 और गौरक्षा पर उनके मिशन की बात करें तो वो भी किसी चुनावी रणनीति से कम नहीं!
33 करोड़ गो मतदाता? हर विधानसभा में गो सांसद?
“हम गोमाता के लिए एक अलग राजनीतिक ताकत खड़ी कर रहे हैं। संसद में वो लोग जाने चाहिए जो गोसेवा को समझते हों, ना कि सिर्फ़ कुर्सी की राजनीति!”
🌄 आश्रम का अवलोकन करने के बाद, उन्होंने भक्तों को आशीर्वाद दिया और देसी गाय – ‘रामा गाय’ – के संरक्षण का आह्वान करते हुए हरिद्वार के लिए प्रस्थान किया।
अब वो बद्रीनाथ और केदारनाथ के पट खोलने जा रहे हैं, लेकिन जो पट उन्होंने आज खोले — वो सीधे सरकार की आंखें खोलने वाले थे।