आगरा: सीकर (राजस्थान) से गिरफ्तार डिजिटल अरेस्ट गिरोह के सदस्य रविंद्र प्रसाद वर्मा से पूछताछ में साइबर क्राइम पुलिस को महत्वपूर्ण जानकारी मिली हैं। आरोपी के खाते में 12 दिन में 11 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि जमा हुई थी। कई राज्यों में गिरोह ने अपना नेटवर्क फैला रखा है।
शाहगंज की एक युवती को गिरोह ने 31 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया था। कूरियर में फर्जी पासपोर्ट भेजने का आरोप लगाया था। जेल भेजने की धमकी के नाम पर खाते में 16.20 लाख रुपये तक जमा करा लिए गए। युवती का एक वीडियो भी बनाया गया था। पीडि़ता ने साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कराया। पुलिस को जांच में पता चला कि रविंद्र प्रसाद ने स्मॉल फाइनेंस कंपनी में खाता खुलवाया था। साइबर ठग इस खाते में रकम भेजा करते थे और निकाल लिया करते थे।
दिसंबर में उनके खाते में 12 दिन में 11 करोड़ रुपये जमा कराए गए थे। इस रकम को कुछ देर बाद ही निकाल लिया गया था। जिन लोगों ने रकम भेजी थी, उनमें यूपी, महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात और उड़ीसा आदि राज्यों के हैं। उनकी शिकायत पर संबंधित राज्यों की पुलिस ने खाते के बारे में कंपनी को जानकारी दी लेकिन तब तक रकम को निकाल लिया गया। अब आगरा कमिश्नरेट की साइबर क्राइम थाना पुलिस को 7 लोगों के बारे में जानकारी मिली है। डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि साइबर ठग गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए टीम को लगाया गया है।