फतेहपुर सीकरी/आगरा। पुरुषार्थ सेवा संगठन ने शिक्षा के क्षेत्र में समानता और एकरूपता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अपनी “एक राष्ट्र, एक पाठ्यक्रम, एक शिक्षा” मुहिम को गति प्रदान करते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है । संगठन ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा ।
ज्ञापन में समूचे राज्य में एक समान पाठ्यक्रम लागू करने की मांग की गई है। इस ज्ञापन में संगठन ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एन ई पी) 2020 के तहत एक समान शिक्षा प्रणाली को लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया। संगठन का मानना है कि एक समान पाठ्यक्रम न केवल शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाएगा, बल्कि देश के सभी क्षेत्रों में विद्यार्थियों को समान अवसर प्रदान करेगा।
इससे क्षेत्रीय और सामाजिक असमानताओं को कम करने में भी मदद मिलेगी व शिक्षा माफियाओं द्वारा हर साल पाठ्यक्रम बदलकर किताबों के नाम पर अभिभावकों के साथ हो रही लूट पर भी लगाम लगेगी। पुरुषार्थ सेवा संगठन के संस्थापक अध्यक्ष जिगनेश कहरवार ने बताया कि “हमारा उद्देश्य एक ऐसी शिक्षा प्रणाली का निर्माण करना है, जो सभी बच्चों को उनकी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के बावजूद समान अवसर प्रदान करे अतः राज्य सरकार केंद्र द्वारा प्रदत्त पाठ्यक्रम एनसीईआरटी को कक्षा एक से आठ तक राज्य के अधीन संचालित शिक्षा के संदर्भ में लागू कर दे तो उत्तर प्रदेश की बेसिक शिक्षा को एक राज्य एक पाठ्यक्रम एक शिक्षा में तत्काल बदला जा सकता है।
“उप जिलाधिकारी महोदय ने ज्ञापन को स्वीकार करते हुए संगठन की इस पहल की सराहना की और इसे संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। इस दौरान संगठन से जगमोहन कहरवार, विराट कहरवार, देवेन्द्र राजपुत, सेवानिवृत्त व्याख्याता एव शिक्षाविद डिगम्बर सिंह आदि उपस्थित रहें । पुरुषार्थ सेवा संगठन ने भविष्य में भी इस मुहिम को जन-जन तक पहुंचाने के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है। संगठन का दृढ़ विश्वास है कि एक समान शिक्षा प्रणाली देश के युवाओं को सशक्त बनाने और भारत को वैश्विक मंच पर अग्रणी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
- रिपोर्ट – दिलशाद समीर