अलीगढ़: जिले के थाना अकराबाद क्षेत्र में अलहदादपुर के पास भीड़ के गुस्से का शिकार हुए जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती चार मीट व्यापारियों को सोमवार को कुछ होश आया। होश में आने के बाद अपने साथ हुए खौफनाक घटनाक्रम की दास्तान बताई।
घायलों ने बताया कि हमलावरों के आगे मौके पर मौजूद दो पुलिस कर्मी भी लाचार खड़े रहे। बचने को पीड़ित पुलिस की 112 नंबर गाड़ी में घुसे लेकिन हमलावरों ने पीड़ितों को गाड़ी में से भी खींच लिया। जब घायल अपने साथ हुआ घटनाक्रम बता रहे थे तो परिजनों की रुलाई छूट गई।
वह सिर्फ इंसाफ की गुहार करने लगे। हमले में सबसे ज्यादा घायल अकील ने बताया कि वह कदीम, अरबाज सहित चार लोग शनिवार की सुबह अल अम्मार फैक्टरी से मीट की गाड़ी लेकर अतरौली जा रहे थे। पैनेटी के पास हमलावरों की मोटरसाइकिलें पीछे लग गईं। उन्होंने आगे से रोक लिया।
पूछा तो बता दिया कि गाड़ी में मीट है। बताया हमारे पास कागज भी हैं। डॉक्टरी रिपोर्ट भी है। बात को अनसुनी करते हुए हमलावरों ने चारों को पीटना शुरू कर दिया। बोले 50 हजार रुपये दो और गाड़ी ले जाओ। हमने कहा इतने पैसे तो हमारे पास नहीं है। इस दौरान 112 नंबर गाड़ी वहां से गुजरी, हमने उसे रोका तो वह नहीं रुकी।
हमलावर रुक रुक कर पीटते रहे। 20 मिनट बाद गाड़ी वापस आई। हम लोग गाड़ी की ओर जान बचाने के लिए दौड़े। गाड़ी में घुस गए लेकिन पुलिस वालों ने हमें गाड़ी से बाहर निकाल दिया। हमने गाड़ी की सीट बेल्ट पकड़ी लेकिन हमलावरों ने हाथों और पैरों पर रॉड से हमला कर के सीट बेल्ट छुड़ा दी और पीटने लगे।
डेढ़ घंटे बाद दूसरी पुलिस गाड़ी आई, तब बची जान
घायल अरबाज ने बताया कि हमलावरों ने हमारे हाथ से फैक्टरी का बिल और पर्ची छीन कर फाड़ दी। मोबाइल और पैसे छीन लिए। इसके बाद लोहे की रॉड आदि से मार लगाना शुरू कर दिया। डेढ़ घंटे तक मारपीट करने के बाद एक अन्य गाड़ी पुलिस की आई जिसके बाद उनकी जान बच सकी।
एक अन्य घायल कदीम ने बताया कि जब हमलावर पीट रहे थे तो बचने के लिए पुलिस की गाड़ी में घुसे थे लेकिन हमलावरों ने पीछे का दरवाजा खोलकर हमें बाहर खींच लिया। इस दौरान दो पुलसि वाले खड़े थे।
घायल अकील की पत्नी बोली इंसाफ चाहिए बस
घायल अकील की पत्नी अंजुम ने बताया कि मेरे पास शनिवार को पुलिस की तरफ से फोन आया कि तुम्हारे पति का एक्सीडेंट हो गया है। हमारे तीन बेटियां हैं एक बेटा है। बहुत बुरी तरह मारा है। यह रोज गाड़ी से माल लाते हैं। हम लोग बहुत गरीब हैं। हमें कुछ नहीं चाहिए बस इंसाफ चाहिए।