आगरा: सपा के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन और पुलिस के बीच सोमवार को तीखी नोकझोंक हुई। वह पीड़ित दलित परिवार से मिलने मथुरा जा रहे थे। मगर, पुलिस ने घर के बाहर ही बैरियर लगाकर उन्हें रोक लिया। पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर उन्हें रोकने के लिए नोटिस थमाया, जिसे सुमन ने फाड़ कर फेंक दिया।
सांसद ने कहा कि मथुरा में एक दलित परिवार की बेटी की शादी में दबंगों ने मारपीट की। वो परिवार दहशत में है। हमें उसे ढांढस बंधाने जाना है। पुलिस और सरकार मेरी सुरक्षा की आड़ में मेरी राजनीतिक गतिविधियां बंद करना चाहती है। हमें खतरा असामाजिक तत्वों से हैं तो पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही।
उन्होंने कहा कि जो लोग हमें धमकियां दे रहे हैं। पुलिस का व्यवहार उनसे दोस्ताना है। जिस तरह पुलिस मनमानी कर रही हैं, क्या हम राजनीति करना छोड़ दें। सुमन ने गुस्से में पुलिस बैरियर तोड़कर आगे जाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें नहीं जाने दिया।
सुबह करीब 11 बजे ही एसीपी छत्ता हेमंत कुमार और एसीपी सुकन्या शर्मा कई थानों का पुलिस फोर्स लेकर संजय प्लेस, एचआईजी फ्लैट स्थित सांसद आवास पहुंच गए थे। सांसद आवास को छावनी में तब्दील कर दिया गया। सांसद ने कहा मैं लिखकर देने को तैयार हूं। मथुरा में मुझे कुछ भी होता तो मैं उसका जिम्मेदार हूं। लेकिन, पुलिस ने सांसद को नहीं जाने दिया। इस दौरान प्रतिनिधि धर्मेंद्र यादव, सलीम शाह, जिलाध्यक्ष मथुरा वीरेंद्र यादव, ऋतु गोयल, गौरव यादव, राजपाल बाबा, नीरजकांत, फैजान, कालीचरण प्रजापति, सुरेश कुशवाह, पूजा गौतम आदि की मौजूदगी रही।
सांसद का तूफानी बयान:
“मथुरा में दलित बेटी की शादी में दबंगों ने जो ‘रौब’ दिखाया, उसे देखने मैं गया था।
अब सरकार ‘सुरक्षा’ का झूठा बहाना बनाकर मेरी आवाज दबाना चाहती है।
पुलिस दबंगों की गद्दार बनी है, और मुझे जनता की आवाज़ कहने से रोक रही है।
क्या अब नेता भी बिना अनुमति के चल नहीं सकते? मैं रूल बुक का गुलाम नहीं!”
पुलिस ने सांसद आवास को बना दिया किला, भारी फोर्स के साथ तैनाती
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सुबह से सांसद के आवास के बाहर सैकड़ों पुलिसकर्मी तैनात।
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सांसद को नोटिस थमाया गया कि वो आगे नहीं जा सकते।
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सांसद ने नोटिस का विरोध करते हुए उसे फाड़ डाला और बैरियर तोड़कर आगे जाने का प्रयास किया।