रिपोर्ट 🔹आकाश भारद्वाज
आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। सिर्फ एक मोबाइल फोन… और उसके टूटने से उजड़ गया एक परिवार। 17 साल की मासूम मालती ने वो कदम उठा लिया, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।
घटना लंगड़े की चौकी के चार खंभा इलाके की है। यहां रहने वाले हरीशंकर पेंटिंग का काम करते हैं और अपने परिवार—पत्नी, बेटी मालती और एक बेटे—के साथ बेहद साधारण जिंदगी जी रहे थे। घर में एक ही मोबाइल था और टीवी पहले से ही खराब पड़ा था।
सुबह-सुबह जब हरीशंकर काम पर जाने लगे, उन्होंने मोबाइल मांगा जो उस वक्त मालती के पास था। लेकिन मालती ने कह दिया कि “पापा, टीवी नहीं चल रहा, मोबाइल घर पर ही छोड़ दो…” बस, यही बात हरीशंकर को नागवार गुज़री। उन्होंने गुस्से में आकर मोबाइल को ज़मीन पर पटक दिया। मोबाइल चकनाचूर हो गया… और शायद उसी पल मालती का दिल भी!
गुस्से में पिता बेटी को खाना बनाने का आदेश देकर घर से निकल गए। मां टॉयलेट में थी और भाई बाहर खेलने गया हुआ था। मौका देखकर मालती ने कमरे में फांसी लगा ली।
जब मां बाहर निकली और कमरे का दरवाजा खोला, तो पैरों तले ज़मीन खिसक गई। बेटी फंदे से झूल रही थी। चीख-पुकार मच गई। पड़ोसी दौड़े, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। मालती ने दुनिया को अलविदा कह दिया था।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच जारी है। लेकिन सवाल ये है—क्या एक मोबाइल की कीमत एक ज़िंदगी से ज़्यादा थी?
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