एटा: उत्तर प्रदेश के एटा जिले के जलेसर कस्बे में डीएपी खाद की भारी कमी ने किसानों की परेशानी को हिंसक रूप दे दिया है। सादाबाद रोड स्थित कृभको किसान सेवा केंद्र पर खाद लेने पहुंचे सैकड़ों किसानों के बीच लाइन में आगे लगने को लेकर जमकर मारपीट हो गई। यह घटना सुबह तड़के शुरू हुई लंबी कतारों के बीच हुई, जब वितरण आरंभ होते ही होड़ मच गई। पूरा हंगामा कैमरे में कैद हो गया और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जो किसानों के रोष को साफ दर्शाता है।

तड़के कतारें, फिर खूनी झड़प: किसानों का गुस्सा फूटा

जानकारी के अनुसार, किसान डीएपी खाद के लिए सुबह 4-5 बजे से ही कृभको सेंटर के बाहर लाइन लगाने लगे थे। जैसे ही वितरण शुरू हुआ, पहले आने वाले किसानों के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई। वीडियो में साफ दिख रहा है कि किसान आपस में लात-घूंसे चला रहे हैं, चिल्ला रहे हैं और एक-दूसरे को पीट रहे हैं। एक किसान ने बताया, “हम दिन-रात खेतों में मेहनत करते हैं, लेकिन खाद के लिए घंटों इंतजार। आज तो हद हो गई।” यह घटना जलेसर में डीएपी की कालाबाजारी और कमी की समस्या को उजागर करती है, जो पिछले कई दिनों से चली आ रही है।

पिछले हफ्तों में भी जलेसर के कृभको केंद्र पर इसी तरह के हंगामे हुए हैं। जुलाई में दर्जनों किसानों ने फर्द-खतौनी दिखाने के बावजूद खाद न मिलने पर नारेबाजी की थी। किसानों का आरोप है कि प्रबंधन पक्षपातपूर्ण व्यवहार कर रहा है और पर्याप्त स्टॉक नहीं है।

प्रशासन सतर्क: पुलिस तैनात, व्यवस्थित वितरण शुरू

मारपीट की सूचना मिलते ही प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की। कस्बा कोतवाली की पुलिस बल को सेंटर पर तैनात कर दिया गया। अब किसानों को लाइन में व्यवस्थित रखकर खाद का वितरण किया जा रहा है। एसडीएम जलेसर ने कहा, “स्थिति नियंत्रण में है। हमने अतिरिक्त पुलिस फोर्स लगाई है और वितरण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के निर्देश दिए हैं।” किसानों ने मांग की है कि जिले में डीएपी का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित किया जाए, ताकि रबी फसल की बुआई प्रभावित न हो।

यह समस्या केवल एटा तक सीमित नहीं है। उत्तर प्रदेश और हरियाणा में डीएपी की कमी से किसान परेशान हैं। हाल ही में झांसी में भी सरकारी खाद केंद्र पर मारपीट का वीडियो वायरल हुआ था, जहां किसानों ने शाम 5 बजे तक खाद न मिलने पर हंगामा किया। हरियाणा के सिरसा, सोनीपत और जिंद में भी लंबी कतारें और वितरण में देरी की शिकायतें हैं।

किसानों की गुहार: ‘खाद मिले, तो फसल लहलहाएगी’

किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द स्टॉक न बढ़ा, तो बड़े स्तर पर आंदोलन होगा। एक बुजुर्ग किसान ने कहा, “हम गरीब हैं, खाद के बिना खेत बंजर हो जाएंगे। सरकार को जागना होगा।” कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि आयातित डीएपी पर निर्भरता और कालाबाजारी को रोकने के लिए स्थानीय उत्पादन बढ़ाना जरूरी है।

  • रिपोर्ट – सुनील गुप्ता
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