नई दिल्ली: दुनिया की नजरें भारत पर टिक गई हैं। ऑस्ट्रेलिया के प्रतिष्ठित लोवी इंस्टीट्यूट की ताजा ‘एशिया पावर इंडेक्स 2025’ रिपोर्ट में भारत ने नया मुकाम हासिल किया है। अमेरिका और चीन के बाद भारत अब एशिया का तीसरा सबसे शक्तिशाली देश बन गया है, जहां उसने जापान और रूस को पीछे छोड़ दिया। 40.0 स्कोर के साथ भारत ने ‘मेजर पावर’ की दहलीज पार कर ली है, जो पिछले साल के 38.1 स्कोर से एक उल्लेखनीय सुधार दर्शाता है।

रिपोर्ट के अनुसार, एशिया में अमेरिका पहले स्थान पर काबिज है (स्कोर 80.5), जबकि चीन दूसरे नंबर पर है (73.7)। भारत का यह प्रदर्शन न केवल आर्थिक और सैन्य क्षमताओं की मजबूती को रेखांकित करता है, बल्कि भविष्य की संसाधनों में भी उसकी बढ़ती ताकत को उजागर करता है। लोवी इंस्टीट्यूट के अनुसार, भारत आर्थिक क्षमता और भविष्य संसाधनों में तीसरे स्थान पर है, जहां उसने जापान को एक पायदान पीछे धकेल दिया।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने दी सैन्य उड़ान

इस रिपोर्ट का एक प्रमुख पहलू भारत की सैन्य क्षमता में आई तेजी है। हाल ही में संपन्न ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने भारत की सैन्य रैंकिंग को बूस्ट दिया, जिसके चलते देश अब ‘मेजर पावर’ श्रेणी में प्रवेश कर गया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह ऑपरेशन, जो सीमा सुरक्षा और रणनीतिक साझेदारियों पर केंद्रित था, ने भारत को क्षेत्रीय चुनौतियों का सामना करने में नई ताकत दी है। रिपोर्ट में जापान को चौथा स्थान (38.8 स्कोर) और रूस को पांचवां (32.1 स्कोर) मिला है, जो भारत की उभरती सुपरपावर वाली छवि को और मजबूत करता है।

लोवी इंस्टीट्यूट के विश्लेषकों ने कहा, “भारत की चुपचाप बढ़ती ताकत वैश्विक संतुलन को बदल रही है।” यह रिपोर्ट एशिया के आठ प्रमुख शक्ति संकेतकों—आर्थिक, सैन्य, कूटनीतिक, सांस्कृतिक आदि—पर आधारित है। भारत ने आर्थिक क्षमता में जापान को पछाड़ा, जबकि भविष्य संसाधनों में भी तीसरा स्थान बरकरार रखा।

वैश्विक प्रभाव: क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

भारतीय नीति विशेषज्ञों ने इस उपलब्धि का स्वागत किया है। पूर्व विदेश सचिव सुशमा स्वराज इंस्टीट्यूट के निदेशक ने कहा, “यह मोदी सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीतियों का परिणाम है। भारत अब न केवल एशिया का बल्कि वैश्विक मंच पर एक प्रमुख खिलाड़ी है।” रिपोर्ट में अमेरिका को एशिया में अपनी पकड़ ढीली पड़ने का संकेत मिला है, जो भारत के लिए अवसर खोलता है।

हालांकि, चुनौतियां बाकी हैं। रिपोर्ट ने सांस्कृतिक प्रभाव और कूटनीतिक पहुंच में सुधार की सिफारिश की है। भारत को अब इन क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने की जरूरत है ताकि स्कोर 50 के पार पहुंच सके।

एशिया पावर इंडेक्स: टॉप रैंकिंग्स एक नजर में

रैंक देश स्कोर श्रेणी
1 अमेरिका 80.5 सुपर पावर
2 चीन 73.7 सुपर पावर
3 भारत 40.0 मेजर पावर
4 जापान 38.8 मिडल पावर
5 रूस 32.1 मिडल पावर
6 ऑस्ट्रेलिया 31.8 मिडल पावर
यह रिपोर्ट एशिया की भू-राजनीतिक गतिशीलता को समझने का महत्वपूर्ण दस्तावेज है। भारत के लिए यह न केवल गर्व का विषय है, बल्कि आगे की राह में प्रेरणा भी। क्या भारत जल्द ही सुपरपावर की दौड़ में शामिल होगा? समय ही बताएगा।

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