पणजी: गोवा के दक्षिणी छोर पर कुशावती नदी के किनारे बसे प्राचीन श्री संस्थान गोकर्ण पर्तगाली जीवोत्तम मठ में आज एक ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान श्रीराम की 77 फीट ऊंची ब्रॉन्ज प्रतिमा का भव्य अनावरण किया, जो विश्व की सबसे ऊंची राम प्रतिमा के रूप में इतिहास रच चुकी है। यह प्रतिमा मशहूर मूर्तिकार राम सुतार द्वारा डिजाइन की गई है, जिन्होंने गुजरात की ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को भी आकार दिया था। अनावरण के साथ ही मठ परिसर में रामायण थीम पार्क का भी उद्घाटन हुआ, जो आध्यात्मिकता और संस्कृति का अनूठा संगम प्रस्तुत कर रहा है।

मठ का गौरवशाली इतिहास और 550 वर्षों का उत्सव

श्री संस्थान गोकर्ण पर्तगाली जीवोत्तम मठ, जो 1475 ईस्वी में नारायण तीर्थ द्वारा स्थापित किया गया, भारत के सबसे प्राचीन वैष्णव संस्थानों में शुमार है। यह गौड़ सरस्वत ब्राह्मण (जीएसबी) समुदाय का प्रमुख केंद्र है, जो द्वैत परंपरा का अनुसरण करता है। कोंकण तट पर स्थित यह मठ सदियों से प्रवास और विपत्तियों के बीच समुदाय की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान को संरक्षित करता आया है। पर्तगाली गांव में 370 वर्ष पूर्व स्थापित इस मठ ने न केवल धर्म की रक्षा की, बल्कि मानवता और संस्कृति को भी मजबूत आधार प्रदान किया।

आज का अनावरण ‘सर्ध पंचशतामनोत्सव’ का हिस्सा है, जो मठ की 550 वर्षीय आध्यात्मिक परंपरा का उत्सव मना रहा है। यह आयोजन 27 नवंबर से 7 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, पारंपरिक अनुष्ठान, सत्संग और प्रसिद्ध कलाकारों के प्रदर्शन शामिल हैं। मठ परिसर को आधुनिक स्वरूप दिया गया है, और विशेष हेलीपैड का निर्माण भी कराया गया ताकि श्रद्धालु आसानी से पहुंच सकें। प्रतिदिन 7,000 से 10,000 श्रद्धालुओं के दर्शन की उम्मीद की जा रही है।

प्रधानमंत्री मोदी का संदेश: सेवा और समर्पण की भावना

दोपहर 3:45 बजे हुए अनावरण समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने मठ के सेवा भाव की सराहना की। उन्होंने कहा, “इस मठ की एक प्रमुख विशेषता सदियों से समाज के हर वर्ग का समर्थन करने वाली सेवा की भावना है। सदियों पहले जब इस क्षेत्र में विपत्तियां आईं और लोग अपने घर-परिवार छोड़कर नए स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हुए, तब इस मठ ने समुदाय का साथ दिया, नए स्थानों पर मंदिर और आश्रय स्थापित किए।”

मोदी ने आगे जोड़ा, “यह न केवल धर्म की रक्षा करता था, बल्कि मानवता और संस्कृति की भी। समय के साथ मठ की सेवा का विस्तार हुआ। आज शिक्षा से लेकर छात्रावास, वृद्धाश्रम से लेकर जरूरतमंद परिवारों की सहायता तक, यह मठ हमेशा जनकल्याण के लिए समर्पित रहा है।”

कार्यक्रम में गोवा के राज्यपाल अशोक गजपति राजू, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, केंद्रीय मंत्री श्रीपद नायक, राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य और मठ प्रतिनिधि श्रीनिवास डेम्पो भी उपस्थित रहे। अनुष्ठान के बाद प्रधानमंत्री ने मंदिर दर्शन किए और एक सार्वजनिक सभा को संबोधित किया।

सांस्कृतिक पुनरुत्थान का प्रतीक

यह प्रतिमा न केवल धार्मिक महत्व की है, बल्कि सांस्कृतिक पुनरुत्थान का प्रतीक भी है। एशिया की सबसे ऊंची राम प्रतिमा के रूप में यह युवा पीढ़ी को परंपरा से जोड़ने का माध्यम बनेगी। रामायण थीम पार्क के साथ मिलकर यह स्थल पर्यटन और आध्यात्मिक यात्रा का नया केंद्र बनेगा, जो गोवा की समृद्ध विरासत को वैश्विक पटल पर उजागर करेगा।

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