मैनपुरी। यूपी के जनपद मैनपुरी में आर्मी में नौकरी दिलाने के नाम पर 400 लोगों से 12 करोड़ की ठगी सामने आई है। यहां भारतीय पुलिस प्रोटेक्शन फोर्स (BPPF) और हिंदुस्तान रक्षा धर्म के नाम से दो फर्जी ट्रेनिंग सेंटर खोले गए थे, जहां आर्मी के कप्तान का फर्जी आईकार्ड, फर्जी बेज, नकली बंदूक आदि का इस्तेमाल करके युवाओ को बरगलाकार ठगई का शिकार बनाया करता था।
पुलिस ने गिरोह चलाने वाले संचालक अरविंद कुमार पांडे के अलावा उड़ीसा निवासी ट्रेनर सुमित्रा को गिरफ्तार किया है। तेलंगाना से आए ठगई का शिकार युवक के द्वारा अरविंद कुमार पांडे के खिलाफ पुलिस से शिकायत की थी।
दोनों ने आरोप लगाया कि अरविंद पांडे ने यूट्यूब और फर्जी विज्ञापनों के जरिए भरोसा जीतकर 3 से 4 लाख रुपए लिए। लेकिन न नौकरी दिलवाई और न ही पैसे लौटाए। पुलिस ने अरविंद को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही एक ट्रेनर को भी गिरफ्तार किया है।
ये है पूरा मामला
तीन-चार वर्षों से फर्जीवाड़े का अड्डा बना ट्रेनिंग सेंटर पुलिस की नाक के नीचे किशनी थाना क्षेत्र में जटपुरा चौराहा पर चल रहा था. किशनी से करहल जाने वाले रास्ते पर डिग्री कॉलेज के सामने भारतीय पुलिस प्रोटेक्शन फोर्स (BPPF) और हिंदुस्तान रक्षा धर्म के नाम से ट्रेनिंग सेंटर था. यह करीब 30 बीघा क्षेत्र में फैला हुआ था. जमीन किराए पर ली गई थी. आरोप है कि युवकों को सेना की ट्रेनिंग देने का दिखावा किया जाता था.
फिलहाल सेंटर पर 7-8 युवक अभी ट्रेनिंग कर रहे थे. शिकायत के बाद पुलिस ने मौके से संचालक के अलावा ट्रेनर को हिरासत में लिया है, पुलिस की जाँच का दायरा बढ़ रहा है और गिरोह में शामिल अन्य लोगों तक पहुंचने के प्रयास पुलिस कर रही है.
तेलंगाना निवासी अशोक पुत्र राजैया ने बताया- उन्होंने 21 जून, 2024 को यूट्यूब पर एक वीडियो देखा, जिसमें सेना में भर्ती दिलाने का दावा किया गया था. इसके बाद उसने अपने 6 युवकों, सागर, चंद्रशेखर, श्रीकांत, रवितेजा, विजय और लक्ष्मण को अरविंद पांडेय के किशनी स्थित ट्रेनिंग सेंटर पर भेजा. पीड़ित अशोक ने बताया- प्रति युवक 2 से 3 लाख रुपए वसूले गए, जिनमें से कुछ रकम ऑनलाइन और कुछ नकद दी गई. तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद भी किसी युवक को नौकरी नहीं मिली. जब संचालक से संपर्क किया गया तो उसने फोन उठाना बंद कर दिया.
दूसरे शिकायतकर्ता ने दी 4 लाख रुपए की धनराशि किशनी निवासी अनिरुद्ध दूबे ने भी इसी ट्रेनिंग सेंटर पर अपने भांजे अर्पित बाजपेई को सेना में भर्ती कराने के लिए 4 लाख रुपए दिए थे. जिसमें 2,150 रुपए रजिस्ट्रेशन शुल्क, 1 लाख फोन-पे से और 3 लाख नकद शामिल थे. लेकिन भांजे को भी कहीं नौकरी नहीं दिलवाई गई. अनिरुद्ध का आरोप है कि अरविंद पांडेय वर्दी पहनकर यूट्यूब पर फर्जी वीडियो बनाकर लोगों को गुमराह करता है और ठगी करता है.
पुलिस ने संचालक अरविंद कुमार पांडे को गिरफ्तार कर लिया है. शुरुआती जांच में पता चला है कि वह उत्तर प्रदेश के अलावा कई अन्य राज्यों में भी अपने ऑफिस चला रहा था. यूट्यूब और लोकल एजेंट्स के जरिए वह युवाओं को बहला-फुसलाकर सेंटर तक लाता था.
पुलिस मामले की जांच कर रही है. आरोपी की आपराधिक पृष्ठभूमि खंगाली जा रही है. अरविंद ने सेना और पुलिस में भर्ती कराने के नाम पर देशभर के 400 से अधिक युवाओं से करीब 12 करोड़ की ठगी की है.