एटा: बदमाशों का खूनी खेल और एक नकाबपोश का भयानक हमला – 11 साल के मासूम अनुज की मौत अब सवालों का जाल बन चुकी है। चाकू और पत्थरों से निर्मम हत्या के बाद उसका शव काफी देर तक घर के बाहर रखा गया, जब तक पुलिस हत्या के पीछे की असली वजह का खुलासा नहीं करती। पोस्टमार्टम के बाद 20 घंटे तक शव का अंतिम संस्कार नहीं हुआ, और गांव में मौत का सन्नाटा छाया रहा।
क्या था हत्या का असली कारण?
मासूम अनुज की हत्या नकाबपोश हमलावर ने की, लेकिन उसके पीछे क्या साजिश थी? क्या यह किसी पुराने विवाद का परिणाम था, या फिर कुछ और? क्या यह घटना आम के बाग में छुपे रंगीन राज़ को उभारने की एक कोशिश थी? पुलिस की पड़ताल अब तक अंधेरे में है, और इस खौ़फनाक हत्या के बारे में कई सवाल उठ रहे हैं।
परिजनों का गुस्सा – शव का अंतिम संस्कार टाला
मासूम के शोकाकुल परिवार ने पोस्टमार्टम के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए नहीं भेजा। उनका गुस्सा और दर्द साफ था – “जब तक आरोपी नहीं पकड़े जाएंगे, हम शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे!” उन्होंने शव को घर के बाहर रखा, और फिर प्रशासन के आर्थिक मदद और आवास के वादों के बावजूद, उनका गुस्सा नहीं थमा।
गांव में पसरा सन्नाटा – घरों में नहीं जलें चूल्हे
यह हत्या नहीं, एक शोक का आलम था। मृतक के घर में ही नहीं, बल्कि पूरे गांव में चूल्हे तक नहीं जल रहे थे। पूरा गांव मौन था, और हर घर में मातम का माहौल था। रिश्तेदारों का तांता लगा था, और हर किसी के मुंह से कही न कही ये सवाल था – “क्या ये हत्या का मामला सिर्फ एक चाकू और पत्थर तक सीमित था, या इसके पीछे कुछ और था?” गांव में रहनेवाले हर किसी का दिल भी किसी खौ़फनाक साजिश की ओर इशारा कर रहा था।
संदिग्ध रंजिश या था कुछ और?
बबलू नामक युवक की बयानबाजी ने कई सवालों को जन्म दिया है। चाकू से धमकी, रंजिश या फिर ये सब किसी खतरनाक खेल का हिस्सा थे? क्या किसी कृषि विवाद ने यह अपराध जन्म लिया, या फिर ये पूरी हत्या पुरानी दुश्मनी का खौ़फनाक रूप थी?
वहीं पुलिस ने गांव के बाग मालिक और मक्का के खेत स्वामियों से पूछताछ की, और एक परिवार के सदस्य को भी संदिग्ध मानते हुए उसकी गिरफ्तारी की संभावना जताई है। क्या यहां कुछ बड़ा मकसद छिपा है?
क्या मिलेगा मासूम को न्याय?
गांव में इस हत्या के बाद मासूम की मौत का इंतजार केवल एक खुलासे का नहीं, बल्कि सालों पुरानी परतों को उघाड़ने का मौका भी बन चुका है। क्या पुलिस जल्द ही हत्यारे का पर्दाफाश कर पाएगी? और अगर नहीं, तो क्या यह मामला अपराधियों की दहशत का हिस्सा बनकर रह जाएगा?
मासूम की मौत ने गांव के लोगों की धड़कनें तेज कर दी हैं, और अब हर कोई इसी साजिश के राज़ को जानने के लिए बेचैन है, जो शायद नकाबपोश हमलावर ने सिर्फ एक मामूली चाकू से शुरू किया था, लेकिन अब पूरी साजिश की गुत्थी सुलझने का नाम नहीं ले रही।
- रिपोर्ट – सुनील गुप्ता