लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक अहम फैसला लेते हुए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत मिलने वाली सहायता राशि को बढ़ाने के साथ-साथ पात्रता की आय सीमा में भी बदलाव किया है। अब इस योजना का लाभ लेने के लिए परिवार की वार्षिक आय सीमा 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई है, ताकि और अधिक परिवार इसका लाभ उठा सकें। यह निर्णय उन लाखों गरीब और वंचित वर्ग के परिवारों के लिए संजीवनी की तरह साबित होगा, जिनकी विवाह की व्यवस्था अक्सर आर्थिक तंगी के कारण पूरी नहीं हो पाती।

आय सीमा बढ़ाने का बड़ा कदम

बृहस्पतिवार को समाज कल्याण विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “समूह विवाह योजना वंचित वर्ग के लिए एक बड़ा संबल बनी है। इस योजना के तहत गरीब नवविवाहित जोड़ों को एक बेहतर शुरुआत मिलती है। इसलिए, हम इसे और अधिक परिवारों तक पहुँचाने के लिए आय सीमा को बढ़ा रहे हैं।”

अब तक, इस योजना के तहत जिन परिवारों की आय 2 लाख रुपये तक थी, वही इसके लाभार्थी बन सकते थे, लेकिन अब यह सीमा बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई है। इस बदलाव से एक बड़ा वर्ग योजना का लाभ उठा सकेगा।

नई व्यवस्था: 51 हजार से बढ़कर 1 लाख रुपये!

साथ ही, मुख्यमंत्री ने यह भी ऐलान किया कि सामूहिक विवाह योजना के तहत पात्र नवविवाहित जोड़ों को मिलने वाली राशि को 51 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया जाएगा। यह कदम गरीब परिवारों को विवाह के बाद आर्थिक दृष्टि से मजबूत बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “इस नई व्यवस्था के तहत, 60 हजार रुपये कन्या के बैंक खाते में जमा किए जाएंगे, 25 हजार रुपये नवविवाहित जोड़े को उपहार के रूप में दिए जाएंगे और शेष 15 हजार रुपये विवाह समारोह में खर्च होंगे।” इस निर्णय को तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

वृद्धावस्था पेंशन पर भी बड़ा फोकस

वृद्धावस्था पेंशन योजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि कोई भी पात्र वृद्धजन पेंशन से वंचित न रहे। उन्होंने यह भी कहा कि योजना को और प्रभावी बनाने के लिए इसे फैमिली आईडी से जोड़ा जाएगा। इससे, जैसे ही कोई निराश्रित वृद्धजन 60 वर्ष का होगा, उसे तुरंत पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी।

इसके अलावा, अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि पेंशन कवरेज को बढ़ाने के लिए आवश्यक तकनीकी व्यवस्था की जाए ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति इसका लाभ न चूक सके।


यह लेख सरकार की नीतियों की दिशा और उनके प्रभाव को उजागर करता है। इसमें एक तरफ समाज के वंचित वर्ग को दी जाने वाली मदद का विस्तार किया गया है, तो दूसरी ओर अधिकारियों से सख्त इंतजार किया जा रहा है कि ये योजनाएँ समय पर सही तरीके से लागू हों।

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