मुरैना में कलेक्टर लोकेश जांगिड़ ने कृषि, उद्यानिकी और पशुपालन विभागों को फसल विविधीकरण, उच्च मूल्य फसलों, सॉइल हेल्थ कार्ड और नरवाई प्रबंधन को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। हार्वेस्टर में स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम अनिवार्य।

रिपोर्ट- मु. इसरार खान, ब्यूरो चीफ

मुरैना/मप्र। जिले में कृषि, उद्यानिकी और पशुपालन क्षेत्रों को सशक्त बनाने के लिए कलेक्टर श्री लोकेश कुमार रामचन्द्र जांगिड़ ने महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए। शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित संयुक्त समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने रबी सीजन की तैयारियों और कृषि कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने फसल विविधीकरण, उच्च मूल्य फसलों, नरवाई प्रबंधन, सॉइल हेल्थ कार्ड और दुग्ध उत्पादन पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।

फसल विविधीकरण और उच्च मूल्य फसलों को प्राथमिकता

कलेक्टर ने कहा कि मटर, चना, जौ और अलसी जैसी पारंपरिक फसलों के साथ-साथ उच्च मूल्य फसलों की खेती को बढ़ावा देना जरूरी है। इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। उन्होंने प्रत्येक फसल का शुद्ध मुनाफा निकालकर किसानों को लाभकारी फसलों की ओर प्रेरित करने के निर्देश दिए। चना फसल का रकबा बढ़ाने और इसके रिकॉर्ड रखने पर विशेष जोर दिया गया।

रूरल एक्सटेंशन ऑफिसर्स (REO) को वृहद स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने और किसानों के साथ सतत संपर्क बनाए रखने के लिए कहा गया। अमानक बीज विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई और सॉइल हेल्थ कार्ड के महत्व को किसानों तक पहुंचाने पर बल दिया गया।

नरवाई प्रबंधन और स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम

कलेक्टर ने नरवाई प्रबंधन के लिए सुपर सीडर, हैप्पी सीडर और हार्वेस्टर में स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम (SMS) के उपयोग को अनिवार्य बताया। गैर-अनुपालन पर जुर्माना लगाया जाएगा। प्रत्येक सीएससी सेंटर पर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम और जुर्माना नियमों की जानकारी देने के निर्देश दिए गए।

कृषि सखी प्रशिक्षण और आत्मा परियोजना

कृषि सखियों की गतिविधियों की नियमित समीक्षा और उनके प्रशिक्षण पर जोर दिया गया। कलेक्टर ने 31 अक्टूबर तक सभी कृषि सखियों का प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। आत्मा परियोजना के तहत किसानों और कृषि कर्मियों का समयबद्ध प्रशिक्षण भी अनिवार्य बताया गया।

उद्यानिकी रकबे में वृद्धि

उद्यानिकी विभाग को रकबा बढ़ाने और क्लस्टर निर्माण के निर्देश दिए गए। कलेक्टर ने पीएमएफएमई योजना के तहत अधिक से अधिक हितग्राहियों को जोड़ने पर जोर दिया।

पशुपालन और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा

पशुपालन विभाग को दुधारू पशुओं में टीकाकरण और आर्टिफीशियल इंसेमिनेशन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। कलेक्टर ने दुग्ध उत्पादन को प्राथमिकता बताते हुए बकरी के दूध की मांग, खासकर डेंगू के समय, को देखते हुए बकरी पालन को बढ़ावा देने पर जोर दिया।

बैठक में उपस्थिति:

बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री कमलेश कुमार भार्गव, उप संचालक कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, एम.पी. एग्रो के अधिकारी और आत्मा परियोजना अधिकारी सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

"गांव से शहर तक, गलियों से सड़क तक- आपके इलाके की हर धड़कन को सुनता है "जिला नजर" न्यूज़ नेटवर्क: नजरिया सच का

error: Content is protected !!
Exit mobile version