पटना । बिहार में लोक आस्था के महापर्व छठ की धूम शुरू होते ही दुखद खबरें सामने आ रही हैं। नहाय-खाय के पहले ही दिन राज्य के सात जिलों में नदी-घाटों पर स्नान व पूजा सामग्री के लिए जल लेने गए 11 लोगों की डूबने से मौत हो गई। सबसे बड़ा हादसा पटना में हुआ, जहां एक ही परिवार के तीन युवक गंगा की तेज धारा में बह गए। प्रशासन ने शव बरामद कर पोस्टमार्टम करवाया है, जबकि घाटों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
पटना में परिवार का गहरा आघात: दो भाई और भतीजा गंगा में समाए
पटना जिले के खुसरूपुर थाना क्षेत्र में शुक्रवार सुबह छठ पूजा के लिए गंगाजल लेने गए एक ही परिवार के तीन युवकों की डूबने से मौत हो गई। मृतकों में दो भाई – 22 वर्षीय राहुल कुमार और 20 वर्षीय राज कुमार – तथा उनका 18 वर्षीय भतीजा अंकित शामिल हैं। परिवार के सदस्यों के अनुसार, तीनों सुबह जल्दी घाट पर पहुंचे थे, जहां गंगा का जलस्तर ऊंचा होने के कारण वे तेज धारा में फंस गए। ग्रामीणों ने शोर मचाने पर पहुंचकर बचाने की कोशिश की, लेकिन तीनों को बचाया नहीं जा सका।
परिवार के बुजुर्ग पिता रामलखन पासवान ने बताया, “बेटे छठ की खुशी में गंगाजल लाने गए थे, लेकिन अब घर में सन्नाटा छा गया है।” स्थानीय एसडीएम ने घटनास्थल का दौरा कर परिवार को 4-4 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की। पुलिस ने मामला हादसा करार देते हुए जांच शुरू कर दी है।
वैशाली, जमुई समेत अन्य जिलों में भी हादसे
वैशाली: महुआ थाना क्षेत्र के एक गांव में 25 वर्षीय युवक संतोष पासवान गंगा स्नान के दौरान डूब गया। वह पूजा के लिए जल लेने गया था। शव नाविकों ने बरामद किया।
जमुई: सिकंदरसराय के पास प्रसाद के लिए जल लेने गए दो युवक – 19 वर्षीय मनीष और 21 वर्षीय रवि – गंगा में बह गए। दोनों कॉलेज छात्र थे और छठ की तैयारियों में जुटे थे।
बांका: भागलपुर रोड के एक घाट पर 30 वर्षीय किसान रामविलास सिंह स्नान के दौरान अचानक गहराई में चले गए। स्थानीय मछुआरों ने शव खोजा।
बेगूसराय: बारादारी घाट पर 16 वर्षीय किशोर अमन कुमार नदी किनारे खेलते हुए फिसल गया। वह परिवार के साथ घूमने आया था।
सीतामढ़ी: जनकपुर रोड के पास बागमती नदी में 28 वर्षीय महिला रानी देवी स्नान के दौरान डूब गईं। वह छठ व्रत की तैयारी कर रही थीं।
कैमूर: भभुआ जिले के करकट घाट पर 24 वर्षीय युवक विजय सिंह जल लेने गए थे, जहां वे धारा में बह गए।
इन हादसों में अधिकांश पीड़ित युवा थे, जो छठ की शुभ शुरुआत के लिए घाटों पर उमड़ पड़े थे। विशेषज्ञों के अनुसार, मानसून के बाद नदियों का जलस्तर अभी भी ऊंचा है, जिससे ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं।
प्रशासन सतर्क: सुरक्षा उपायों में इजाफा
बिहार सरकार ने छठ घाटों पर अतिरिक्त लाइफ गार्ड, नावें और डाइविंग टीम तैनात करने के निर्देश दिए हैं। डीजीपी ने कहा, “नहाय-खाय के बाद खरना (26 अक्टूबर) और अर्घ्य दान (27-28 अक्टूबर) के दौरान सतर्कता बरती जाएगी।” जिला प्रशासनों ने 500 से अधिक घाटों पर सीसीटीवी लगाए हैं। विगत वर्षों में छठ पर 50 से अधिक मौतें दर्ज की गई थीं, इसलिए इस बार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
छठ की धूम बरकरार, लेकिन सावधानी जरूरी
इसके बावजूद, पूरे बिहार में छठ की तैयारियां जोरों पर हैं। नदियों के किनारे दूध, फल और पूजन सामग्री के ठेले सज गए हैं। महिलाएं व्रत संकल्प ले रही हैं, जबकि घर-घर में छठ गीत गूंज रहे हैं। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि घाटों पर अकेले न जाएं और बच्चों पर नजर रखें।
यह महापर्व 25 अक्टूबर से शुरू होकर 28 अक्टूबर को उषा अर्घ्य के साथ समाप्त होगा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।

