मुरैना/मप्र: कलेक्टर श्री लोकेश कुमार जांगिड़ ने सोमवार को देवगढ़, तोर और तिलावली ग्राम पंचायतों का निरीक्षण कर शिक्षा, स्वास्थ्य तथा पेयजल व्यवस्थाओं की वास्तविक स्थिति जानी। उन्होंने शासकीय प्राथमिक विद्यालय तोर में मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता परखी और बच्चों के साथ बैठकर भोजन किया। ग्रामीणों से मुलाकात में खेल मैदान पर अतिक्रमण और अनुसूचित जाति बस्ती में नल-जल योजना बंद होने से पेयजल संकट की शिकायतें मिलीं, जिनके त्वरित निराकरण के निर्देश दिए गए।

देवगढ़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के निरीक्षण में कई गंभीर खामियाँ उजागर हुईं। निरीक्षण के दौरान डॉ. हिमांशु बंसल और डॉ. ब्रजेश गुर्जर अनुपस्थित पाए गए तथा अवकाश आवेदन भी उपलब्ध नहीं था, जिस पर दोनों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। ओपीडी उपचार पत्रक का उपयोग सही ढंग से नहीं हो रहा था और शुगर-बीपी जैसे गैर संचारी रोगों का ऑनलाइन रिकॉर्ड अद्यतन नहीं मिला। 30 वर्ष से अधिक आयु के पंजीकृत मरीजों की नियमित एनसीडी जांच भी नहीं की जा रही थी, जिस पर कलेक्टर ने उपचार और रिकॉर्ड-रखरखाव को व्यवस्थित करने के निर्देश दिए।
मातृ-स्वास्थ्य सेवाओं में भी बड़ी कमियाँ पाई गईं। 3180 की जनसंख्या वाले क्षेत्र में केवल 37 गर्भवती महिलाओं का पंजीयन पाया गया। लेबर रूम में उपचार किट, बीएमडब्ल्यू डस्टबिन और तौलिया उपलब्ध नहीं थे तथा लेबर टेबल पर गंदगी मिली। इन्फेक्शन कंट्रोल के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था और उपलब्ध ऑटोक्लेव उपयोग में नहीं था। एएनसी वार्ड बंद मिला, जिसे तुरंत व्यवस्थित कर शुरू करने के निर्देश दिए गए। एएनसी-पीएनसी एक ही कक्ष में चलने, भोजन व्यवस्था कमजोर मिलने और आयरन दवाएँ नियमित न मिलने पर भी कलेक्टर ने नाराज़गी जताई।
दवा भंडार में भी अव्यवस्था पाई गई। दवाएँ अल्फाबेटिक क्रम में व्यवस्थित नहीं थीं, एलएसए मेडिसिन डिस्प्ले उपलब्ध नहीं था, स्टॉक रजिस्टर संधारित नहीं था और कई दवाएँ शॉर्ट-एक्सपायरी की मिलीं। नारकोटिक दवाएँ डबल लॉक प्रणाली में सुरक्षित नहीं रखी गई थीं। ईडीएल सूची प्रदर्शित नहीं थी और कर्मचारियों को दवाओं की उपलब्धता का स्पष्ट रिकॉर्ड नहीं था। स्टोर में रखे फायर सिलेंडर एक्सपायर मिले और स्टाफ को उनके उपयोग का प्रशिक्षण भी नहीं था। कलेक्टर ने फायर सेफ्टी प्रशिक्षण तथा सभी उपकरणों को अद्यतन करने के निर्देश दिए।
इमरजेंसी और ड्रेसिंग कक्षों में भी गंदगी, मच्छरजाली और कांच की टूट-फूट सहित कई कमियाँ मिलीं। कलेक्टर ने स्वास्थ्य केंद्र परिसर की साफ-सफाई, शिकायत पेटी को उचित स्थान पर लगाने, मरीजों के बैठने की व्यवस्था, पेस्ट एवं रोडेंट कंट्रोल और फीडबैक प्रणाली में सुधार के निर्देश दिए। बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन की प्रक्रिया भी मानकों के अनुरूप नहीं मिली, जिसे तत्काल सुधारने के निर्देश दिए गए। तिलावली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के नए भवन की सुपुर्दगी कर अस्पताल शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए गए।
देवगढ़ और बिंडवा क्षेत्र में नल-जल योजना बंद पाई गई, जिससे ग्रामीणों को पानी नहीं मिल रहा था। पंप ऑपरेटर का वेतन लंबित होने पर पंचायत विभाग को तुरंत भुगतान करने और खराब ट्रांसफार्मर को ठीक कराने के निर्देश विद्युत विभाग को दिए गए। कलेक्टर ने जल जीवन मिशन के कार्यों को पुनः सुचारू रूप से प्रारंभ करने पर जोर दिया।
तोर ग्राम में खेल मैदान पर हुए अतिक्रमण को हटाने के निर्देश दिए गए। अनुसूचित जाति बस्ती में बंद नल-जल योजना को चालू करने तथा सोलाहार बम्बा में पानी न आने की समस्या का तत्काल समाधान करने के निर्देश भी जारी किए गए।
- रिपोर्ट – मुहम्मद इसरार खान