विशाखापट्टनम/रायपुर, 18 नवंबर 2025 (जिला नजर)
सुरक्षा बलों को नक्सलवाद के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक हासिल हुई है। बस्तर का सबसे खूंखार माओवादी कमांडर माडवी हिडमा, जिस पर एक करोड़ रुपये का इनाम था, आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीतारामाराजू जिले में छत्तीसगढ़ सीमा पर हुई मुठभेड़ में मारा गया। इस ऑपरेशन में हिडमा की पत्नी राजक्का उर्फ राजे समेत कुल छह नक्सली मारे गए। यह घटना केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा 30 नवंबर तक नक्सलवाद समाप्त करने के लक्ष्य से महज 12 दिन पहले हुई है, जो नक्सल-रोधी अभियान को नई गति देगी।
मुठभेड़ का विवरण: तीन राज्यों की संयुक्त कार्रवाई
सुरक्षा बलों को रविवार रात से ही खुफिया जानकारी मिली थी कि हिडमा और उसके साथी आंध्र प्रदेश के घने जंगलों में छिपे हुए हैं। सोमवार सुबह करीब 5 बजे, आंध्र प्रदेश ग्रेहाउंड्स (स्पेशल कमांडो फोर्स), छत्तीसगढ़ की डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) और तेलंगाना पुलिस की संयुक्त टीम ने अल्लूरी सीतारामाराजू जिले के पेद्दाकम्मी इलाके में घेराबंदी की। माओवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके जवाब में चली गोलीबारी में हिडमा और उसके साथी ढेर हो गए।
मौके से बरामद शवों में हिडमा के अलावा राजक्का, चेल्लूरी नारायण, सुरेश (SZCM), टेक शंकर और एक अन्य नक्सली शामिल हैं। सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक और नक्सली साहित्य भी जब्त किया है। आंध्र प्रदेश पुलिस के अनुसार, यह ऑपरेशन ‘ऑपरेशन प्रहार’ का हिस्सा था, जिसमें ड्रोन और सैटेलाइट इमेजरी का इस्तेमाल किया गया। कोई सुरक्षा कर्मी हताहत नहीं हुआ।
हिडमा का काला इतिहास: 26 हमलों का मास्टरमाइंड
माडवी हिडमा (उपनाम: संतोष), 35 वर्षीय गोंड आदिवासी, 2008 में नक्सल संगठन भाकपा (माओवादी) में शामिल हुआ था। वह भट्टासाईन क्षेत्रीय समिति का सचिव था और बस्तर डिवीजन का प्रमुख कमांडर। उसके नाम पर 26 से अधिक घात लगाकर किए गए हमले दर्ज हैं, जिनमें सैकड़ों जवान शहीद हुए। प्रमुख घटनाओं में शामिल हैं:
2017 ताड़मेटला हमला: 11 CRPF जवान शहीद।
2020 मिनपा हमला: 17 जवान मारे गए।
2021 सुकमा-Bijapur हमला: 22 जवान शहीद, 20 नक्सली मारे गए।
हिडमा को 2016 में पहली बार 5 लाख का इनाम मिला, जो 2024 तक बढ़कर 1 करोड़ हो गया। वह कई बार ‘मारा गया’ बताने वाली अफवाहों का शिकार रहा, लेकिन इस बार डीएनए टेस्ट और पहचान के अन्य साधनों से उसकी मौत की पुष्टि हो चुकी है।
नक्सलवाद पर बड़ा प्रहार: विशेषज्ञों की राय
यह सफलता नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। पूर्व आईएएस अधिकारी गणेश शंकर मिश्रा ने कहा, “हिडमा का सफाया छत्तीसगढ़ को नक्सल-मुक्त बनाने की ओर एक बड़ा कदम है।” केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार, 2025 में अब तक 150 से अधिक नक्सली मारे गए हैं, और सक्रिय प्रभावित जिले घटकर 38 रह गए हैं।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने सुरक्षा बलों को बधाई दी, जबकि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे “लाल आतंक पर निर्णायक वार” बताया। गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, “नक्सलवाद का अंत नजदीक है। हमारे वीर जवानों को सलाम।”
आगे की चुनौतियां और उम्मीदें
हिडमा की मौत से भाकपा (माओवादी) कमजोर जरूर होगा, लेकिन उसके उत्तराधिकारी उभर सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि विकास योजनाओं और स्थानीय समुदायों की भागीदारी से ही नक्सलवाद की जड़ें उखड़ेंगी। फिलहाल, सुरक्षा बल अलर्ट पर हैं, और आगे की कार्रवाई जारी रहेगी।
यह घटना न केवल सुरक्षा बलों की बहादुरी का प्रतीक है, बल्कि देश की एकता-अखंडता की दृढ़ प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।

