आगरा। ताजनगरी में पुलिस की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवाल उठे हैं। सदर थाना क्षेत्र के दो दारोगा अब खुद जांच के घेरे में आ गए हैं। जांच में यह सत्यापित हुआ है कि दोनों पुलिसकर्मी बिना महिला पुलिसकर्मी के अनुमति लिए गांव मनकेड़ा स्थित एक घर में घुसे और महिलाओं से अभद्र व्यवहार किया। जांच रिपोर्ट में एसआई मोहित चौधरी और आकाश धामा को दोषी पाया गया है। वरिष्ठ अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि दोनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

घटना की पृष्ठभूमि

घटना 7 सितंबर की है। मनकेड़ा निवासी नरेंद्र चाहर के घर पति-पत्नी के विवाद को सुलझाने के नाम पर सदर थाने की टीम पहुंची थी। आरोप है कि एसआई मोहित चौधरी और आकाश धामा सादे कपड़ों में घर में दाखिल हुए और बिना किसी कानूनी प्रक्रिया या महिला पुलिसकर्मी की मौजूदगी के दबिश दी। परिवार की महिलाओं ने पुलिस पर अभद्रता और डराने-धमकाने के आरोप लगाए थे।

सीसीटीवी फुटेज बना अहम सबूत

पीड़िता नीरज चाहर ने घटना का सीसीटीवी फुटेज सहित शिकायत आईजीआरएस पोर्टल पर दर्ज कराई थी। शिकायत सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला तूल पकड़ गया। इस पर वरिष्ठ अधिकारियों ने अपर डीसीपी (अपराध) हिमांशु गौरव को जांच सौंपी।

जांच रिपोर्ट में उजागर हुए गंभीर तथ्य

अपर डीसीपी की रिपोर्ट में पाया गया कि —

  • दबिश के समय कोई महिला पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थी।

  • पुलिस टीम ने जबरन घर में प्रवेश किया, जो सीसीटीवी वीडियो से साबित हुआ।

  • घटना के 28 दिन बाद नरेंद्र चाहर के खिलाफ पिस्टल चोरी का मुकदमा दर्ज किया गया, जिसे जांच में संदिग्ध माना गया।
    रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया है कि दोनों दारोगाओं की भूमिका अनुचित और नियमविरुद्ध थी।

शिकायत करने पर उल्टा मुकदमा दर्ज

शिकायत वायरल होने के बाद 8 सितंबर को एसआई मोहित चौधरी ने नरेंद्र चाहर पर सरकारी कार्य में बाधा का मुकदमा दर्ज करा दिया। जांच रिपोर्ट में इस केस को दबाव बनाने की कोशिश बताया गया है। पूरा मामला अब डीजीपी कार्यालय भेजा गया है, जहां से दोनों अधिकारियों पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की जा सकती है।

सीमा देवी–पुष्पेंद्र विवाद से जुड़ा मामला

यह पूरा विवाद जगदीशपुरा थाना क्षेत्र के बिचपुरी निवासी सीमा देवी और उनके पति पुष्पेंद्र के झगड़े से जुड़ा है। सीमा देवी की शिकायत पर 30 सितंबर को मुकदमा दर्ज हुआ, जिसके बाद 5 अक्टूबर को पुष्पेंद्र ने अपनी पत्नी और साले नरेंद्र चाहर पर ₹50,000 और पिस्टल चोरी का आरोप लगाया।इसी सिलसिले में पुलिस ने मनकेड़ा गांव में दबिश दी थी, जो अब खुद कानूनी पचड़े में फंस गई।

आगे की कार्रवाई तय

जांच में दोष सिद्ध होने के बाद मामला अब पुलिस मुख्यालय पहुंच चुका है। सूत्रों के अनुसार दोनों दारोगाओं को निलंबित या लाइन हाजिर किए जाने की संभावना है। यह मामला पुलिस विभाग में प्रक्रियात्मक लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़ा करता है और संकेत देता है कि अब नियमों की अनदेखी पर विभाग कठोर रुख अपनाने जा रहा है।

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