आगरा। जिले में हथियार लाइसेंसों में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का मामला सामने आने के बाद स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने जांच का दायरा और बढ़ा दिया है। एसटीएफ ने शहर के कई प्रभावशाली लोगों को नोटिस भेजकर बयान तलब किए हैं और कलक्ट्रेट स्थित आयुध कार्यालय से लाइसेंस से संबंधित सभी दस्तावेज और रिकॉर्ड मांगे हैं ताकि जारी करने की प्रक्रिया, सत्यापन और तारीखों की जांच की जा सके।

धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज़ों का खुलासा

24 मई को नाई की मंडी क्षेत्र में एसटीएफ इंस्पेक्टर यतेंद्र शर्मा की रिपोर्ट में पाया गया कि कई व्यक्तियों ने जाली पहचान पत्र और गलत जानकारी के आधार पर न केवल लाइसेंस बल्कि कारतूस तक जारी करा लिए। इसी आधार पर धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज़ और आर्म्स एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।

प्रारंभिक आरोपियों की सूची

एफआईआर में शुरुआती आरोपियों में शामिल हैं — निशानेबाज मोहम्मद अरशद, कारपेट कारोबारी मोहम्मद जैद, प्रॉपर्टी डीलर भूपेंद्र सारस्वत, टीवी पत्रकार शोभित चतुर्वेदी, सेवानिवृत्त कर्मचारी संजय कपूर, राजेश बघेल, और शिव कुमार सारस्वत।
सूत्रों के अनुसार जांच आगे बढ़ने पर और भी सफेदपोश नामों के सामने आने की संभावना है।

बाहरी राज्यों के खिलाड़ियों पर भी शक

जांच में यह भी सामने आया है कि राजस्थान और मध्य प्रदेश के करीब 15 निशानेबाज खिलाड़ियों को कूटरचित दस्तावेज़ों के आधार पर लाइसेंस और कारतूस जारी किए गए। अब उनके दस्तावेज़ों, सत्यापन प्रक्रिया और लाइसेंस जारी करने की तारीखों की क्रॉस-चेकिंग की जा रही है। एसटीएफ यह भी देख रही है कि क्या खिलाड़ियों ने “खेल/प्रशिक्षण” का बहाना लेकर स्थानीय सिस्टम का दुरुपयोग किया।

यूनिक आईडी स्कैम और विभागीय जवाबदेही

एसटीएफ जांच में पाया गया कि कई लाइसेंसों के यूनिक आईडी नंबर संदिग्ध हैं। तीन महीने पहले आयुध कर्मचारी प्रशांत कुमार को निलंबित किया जा चुका है, जबकि संविदा कर्मचारी पंकज कुमार पर एफआईआर दर्ज है। टीम अब पुराने वेरिफिकेशन रिकॉर्ड और लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया की पूरी जांच कर रही है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि नियमों में छेद कहां हुए

नोटिस पाए प्रमुख नाम

एसटीएफ ने कांग्रेस के पूर्व शहर अध्यक्ष हाजी जमीलुद्दीन, उनके भाई जलालुद्दीन और बिल्डर रिंकेश अग्रवाल को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए तलब किया है।

हाजी जमीलुद्दीन ने कहा,

“मुझे अभी तक नोटिस नहीं मिला, लेकिन जांच में पूरा सहयोग करेंगे।”

अन्य प्रभावशाली लोगों के फोन रिकॉर्ड, लाइसेंस रजिस्ट्रेशन और दस्तावेज़ों की भी जांच की जा रही है।

आगरा में लाइसेंस की स्थिति

आयुध विभाग के अनुसार जिले में कुल 52,000 लाइसेंसी हैं —

  • शहर क्षेत्र: लगभग 22,000

  • ग्रामीण क्षेत्र: लगभग 28,000

  • पिस्टल/रिवॉल्वर लाइसेंस: करीब 10,000

अब इस बड़े घोटाले के सामने आने के बाद पूरे सिस्टम की समीक्षा शुरू की गई है।

आगे की जांच और संभावित कार्रवाई

एसटीएफ ने आयुध कार्यालय से सभी दस्तावेज़ मांगे हैं ताकि रजिस्टर-शैली, सत्यापन चेकलिस्ट और जारी करने की तिथियों का मिलान किया जा सके। बाहरी राज्यों के खिलाड़ियों और स्थानीय अधिकारियों के बीच किसी भी मिलीभगत की जांच की जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक जांच आगे बढ़ने पर राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों के कुछ और नाम भी सामने आ सकते हैं।

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