मुरैना/मप्र। बाल विवाह लड़के-लड़कियों का बचपन और भविष्य छीन लेता है। यह एक सामाजिक कुरीति ही नहीं, बल्कि समुदाय और समाज के विकास ने भी बाधक है। इसलिए इस बुराई को बालिका शिक्षा और जनजागरूकता से ही खत्म किया जा सकता है। उक्त विचार जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती आरती आकाश गुर्जर ने बेटी बचाओ बेटी पढाओ एवं बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के अन्तर्गत विवाह में सेवा देने वाले सेवाप्रदाताओं की जागरुकता हेतु आज जिला पंचायत के सभागार में जिला स्तरीय कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थीं।
इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कमलेश कुमार भार्गव ने उपस्थित सभी लोगों की बाल विवाह रोकने की शपथ दिलाई। जिपं अध्यक्ष श्रीमती गुर्जर ने कहा कि छोटी उम्र में शादी से बालिकाएं शिक्षा अधूरी छोडने, घरेलू हिंसा का शिकार होने और गर्भावस्था से जुडी जटिलताओं का सामना करने के लिए विवश होती हैं। ऐसे में बेटियों को जागरूक करने में मा एवं शिक्षक की अहम भूमिका होती है।

हालांकि वर्तनान्न समय में हमारा समाज बेटियों के विवाह के मामले में काफी हद तक जागरूक हो चुका है. किन्तु ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी कई समाजों में यह सामाजिक बुराई प्रचलन में है इसलिए बाल विवाह का रोकने की जिम्मेदारी जितनी महिला बाल विकास विभाग, पुलिस प्रशासन आदि की है उतनी ही विवाह पढाने बाले पंडित, मौलवी, प्रिटिंग प्रेस, हलवाई,कैटर्स, लाइट एड, साउंडिंग का काम करने वालों की भी है। वे अपने दायित्य को यदि ईमानदारी से निभाएं तो बाल विवाह मुक्त भारत के सपने का साकार किया जा सकता है।
कार्यक्रम का संचालन महिला बाल विकास विभाग की परियाजना अधिकारी कैलारस श्रीमती रचना जैन ने किया। इस दौरान शहरी परियोजना अधिकारी श्रीमती निशा शंखवार, वन स्टॉप सेंटर एवं चाइल्ड लाइन प्रभारी श्रीमती अपूर्ण चौधरी, परियोजना अधिकारी बानमोर प्रीति राणा, प्रोटेक्शन ऑफीसर बृजराज शर्मा सहित विवाह में सेवा देने वाले सेवाप्रदाता सहित विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
2 साल की सजा का प्रावधान
वन स्टॉप सेंटर एवं चाइल्ड लाइन की प्रभारी अपूर्वा चाधरी ने बताया कि यदि किसी बालिका की 18 साल से और बालक की 21 साल से पहले शादी होती है तो माता पिता सहित शादी में शामिल सेवा प्रदाताओं का बाल विवाट निषेध अधिनियम 2006 के तहत 2 साल की सजा एवं 1 लाख रूपए के जुर्माने का प्रावधान तय किया गया है।
- रिपोर्ट – जिला ब्यूरो चीफ मुरैना मुहम्मद इसरार खान