मथुरा / राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात श्री दिनेश प्रताप सिंह ने आज मथुरा में आगरा तथा अलीगढ़ मंडल के उद्यान विभाग एवं मंडी परिषद के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने जनहित, किसान हित और राज्यहित को प्राथमिकता देते हुए अधिकारियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए।
राज्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों से समन्वय बनाए रखें और किसानों के हित में योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। मंडी सचिवों को विशेष रूप से निर्देशित किया गया कि वे निर्वाचित विधायकों से नियमित संवाद बनाए रखें और मंडी परिषद के सभी कार्य उन्हीं की सहमति से संपन्न हों।
उन्होंने मंडी परिषद द्वारा निर्मित सड़कों की शीघ्र मरम्मत और अन्य आवश्यक कार्य विधायकगणों की सहमति से कराने पर बल दिया। साथ ही, जनप्रतिनिधियों के संतोष को सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को अपनी सेवाओं, आचरण और कार्यशैली में पारदर्शिता एवं समर्पण बनाए रखने के निर्देश दिए।
किसानों की सुविधा के लिए विशेष पहल
सभी मंडियों में प्रवेश द्वार के पास “कृषक स्वागत एवं विश्राम गृह” के निर्माण का आदेश दिया गया। यदि पहले से कोई भवन उपयुक्त हो, तो उसे किसानों के उपयोग हेतु आरक्षित किया जाए। इसके अलावा, मंडियों में किसानों के लिए बैठने की समुचित व्यवस्था और शीतल पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया, जिससे किसान यह अनुभव करें कि मंडी वास्तव में उनकी है।
अवैध अतिक्रमण पर सख्ती
किसानों के चबूतरों पर किसी भी प्रकार के अवैध अतिक्रमण को रोकने और अस्थायी कब्जों को तत्काल हटाने के निर्देश दिए गए। मंडियों की साफ-सफाई के लिए उन्हीं ठेकेदारों की नियुक्ति करने को कहा गया जिनके पास पर्याप्त उपकरण और मानव संसाधन हों।
औद्यानिक योजनाओं के प्रचार-प्रसार पर जोर
उद्यान विभाग को निर्देश दिए गए कि संचालित योजनाओं का लाभ किसानों तक पहुँचे और सभी पौधशालाओं में नियमित रूप से पौध तैयार कर उन्हें उपलब्ध कराया जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की किसानों के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि योजनाओं के प्रचार-प्रसार और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जनप्रतिनिधियों से समन्वय आवश्यक है।
बैठक का उद्देश्य न केवल योजनाओं की समीक्षा था, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी था कि किसानों को योजनाओं का पूर्ण लाभ मिले और विभागीय कार्य जनहित में अधिक प्रभावशाली ढंग से संपन्न हों।