आगरा: ताजमहल की सुरक्षा जमीन के साथ अब आसमान में भी सख्त कर दी गई है। शुक्रवार को एंटी ड्रोन सिस्टम के साथ माॉकड्रिल की गई। दशहरा घाट से एक ड्रोन उड़ाकर देखा गया। ताज की तरफ बढ़ते ड्रोन को रडार सिस्टम से पहचान करके गिरा दिया गया। इसमें एक मिनट से भी कम समय लगा। ताज में एंटी ड्रोन सिस्टम को इंस्टाल करने के साथ ही पुलिस और सीआईएसएफ के छह-छह कर्मियों को इसका प्रशिक्षण भी दिया गया है। स्पीड बोट पहले से ही आ गई है, जिससे ताज के पार्श्व में निगरानी रखी जा रही है।
ताजमहल के आसपास 500 मीटर का क्षेत्र नो ड्रोन जोन में आता है। लेकिन ताजमहल के आसपास यलो जोन में कई बार ड्रोन उड़ चुके हैं। उल्लंघन पर पुलिस कार्रवाई करती है। देसी और विदेशी पर्यटक जानकारी के अभाव में ड्रोन उड़ा देते हैं। पिछले दिनों एडीजी ताज सुरक्षा रघुवीर लाल ने ताज की सुरक्षा परखी थी। पुलिस, प्रशासन, सीआईएसएफ और एएसआई के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। एंटी ड्रोन सिस्टम लगाने की मांग काफी समय से की जा रही थी। इसको देखते हुए एडीजी ने एंटी ड्रोन सिस्टम और बोट उपलब्ध कराई गई।
एसीपी ताज सुरक्षा सैय्यद अरीब अहमद ने बताया कि दशहरा घाट पर एंटी ड्रोन सिस्टम के साथ मॉकड्रिल की गई। पुलिस ने एक ड्रोन को 150 मीटर तक आसमान में उड़ाया। ड्रोन को रडार की मदद से पहचान करके गिरा दिया गया। ड्रिल के बाद एंटी ड्रोन सिस्टम को ताजमहल परिसर में इंस्टाल कर दिया गया। इस पर एक बार में पुलिस और सीआईएसएफ का 1-1 कर्मी ड्यूटी देंगे। यह सिस्टम अयोध्या में राम मंदिर, काशी में विश्वनाथ धाम, प्रयागराज में कहाकुंभ, मथुरा में जन्मभूमि और शाही ईदगाह पर लगाए जा चुके हैं।
जानिए क्या हैं सिस्टम की विशेषताएं…..?
- एंटी ड्रोन सिस्टम की रेंज आठ किलोमीटर है।
- ताज के 500 मीटर के दायरे में काम करेगा।
- रडार से ड्रोन की पहचान की जाएगी।
- रिमोट से संचालन होगा, जमीन पर गिराने में सक्षम है।
- ड्रोन को जमीन पर उतारा भी जा सकेगा।