फतेहाबाद/आगरा। ”जाकौ राखें सांइया, मार सके ना कोय” यह कहावत फतेहाबाद में बुधवार को सच साबित हुई। एक साधु और ग्रामीणों की सजगता ने न सिर्फ एक जीवन बचाया, बल्कि यह संदेश भी दिया कि कठिन समय में एक साथ खड़े होने से असंभव भी संभव हो जाता है।

फतेहाबाद के जोनेश्वर घाट पर बुधवार दोपहर एक ऐसी घटना घटी जिसने फिर एक बार मानवता और सेवा भाव का परिचय दिया। करीब एक बजे स्थानीय ग्रामीणों ने यमुना नदी में बहती एक महिला को देखा। बिना देर किए घाट पर रह रहे साधु मुन्ना प्रकाश और अन्य ग्रामीणों ने पानी में कूदकर महिला को सकुशल बाहर निकाल लिया। बेहोशी की हालत में मिली महिला ने होश में आने पर अपनी पहचान बताई, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत फिरोजाबाद से उसके परिजनों को सूचना दी। अंततः परिजन मौके पर पहुंचे और राहत की सांस ली।

अतिश्री पत्नी राजवीर निवासी फिरोजाबाद के बाजिदपुर लाइन पार, फिरोजाबाद घरेलू विवाद के चलते बुधवार सुबह करीब 10 बजे घर से निकल गई थी। कुदाऊशाला स्थित यमुना घाट से उसने यमुना नदी में छलांग लगा दी। परिजनों ने उसकी खोज शुरू की और पुलिस को भी सूचना दी, लेकिन महिला यमुना में बहते-बहते करीब 20 किलोमीटर दूर फतेहाबाद के जोनेश्वर घाट तक पहुंच गई।

यमुना किनारे रहने वाले साधु मुन्ना प्रकाश ने जैसे ही उसे पानी में बहते देखा, तुरंत ग्रामीणों को बुलाया और पानी में कूद पड़े। सबकी मदद से महिला को बाहर निकाला गया। बेहोश अवस्था में उसने कुछ जानकारी दी, जिससे परिजनों का पता चला। पुलिस ने तुरंत संपर्क कर परिजनों को बुलाया। परिजन भी गोताखोरों की मदद से उसकी तलाश में जुटे थे।

महिला के जीवित बचने पर स्थानीय लोगों और परिजनों ने राहत की सांस ली। प्राथमिक उपचार के बाद अतिश्री को उनके परिवार के सुपुर्द कर दिया गया।

  • रिपोर्ट – सुशील गुप्ता
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