नई दिल्ली: क्या एलियंस हमारी पृथ्वी पर हमला करने की तैयारी कर रहे हैं? यह सवाल आजकल सोशल मीडिया और वैज्ञानिक बहसों में छाया हुआ है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के मशहूर खगोलशास्त्री प्रोफेसर एवी लोएब ने एक चौंकाने वाली चेतावनी जारी की है। उनका कहना है कि सौर मंडल में घुस आई एक रहस्यमयी इंटरस्टेलर वस्तु ‘3I/ATLAS’ कोई साधारण धूमकेतु नहीं, बल्कि एलियन सभ्यता का अंतरिक्ष यान हो सकती है। और यह 29 अक्टूबर को सूर्य के सबसे करीब पहुंचने के बाद पृथ्वी पर अचानक हमला कर सकता है। प्रोफेसर ने सलाह दी है- “29 अक्टूबर से पहले ही छुट्टियां ले लें, क्योंकि उसके बाद क्या होगा, कोई गारंटी नहीं।”

प्रोफेसर लोएब, जो एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल जीवन (बाहरी ग्रहों पर जीवन) पर अपनी विवादास्पद किताब ‘एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल’ के लिए मशहूर हैं, ने हाल ही में एक पॉडकास्ट इंटरव्यू में यह दावा किया। उन्होंने कहा कि अगर यह वस्तु एलियन क्राफ्ट साबित हुई, तो यह एक प्रोब या हथियार ले जा रही हो सकती है, जो नवंबर के अंत या दिसंबर की शुरुआत में (21 नवंबर से 5 दिसंबर के बीच) पृथ्वी तक पहुंच सकती है। “यह हमें बचाने आ सकती है या नष्ट करने… दोनों संभावनाओं के लिए तैयार रहें,” लोएब ने चेताया।

3I/ATLAS: धूमकेतु या एलियन यान? वैज्ञानिकों में मतभेद

3I/ATLAS को जुलाई 2025 में चिली के एटलस टेलीस्कोप ने खोजा था। यह तीसरा पुष्ट इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट है, जो हमारे सौर मंडल से बाहर से आया है। नासा के अनुसार, यह एक धूमकेतु है, जो पृथ्वी से कम से कम 1.8 खगोलीय इकाई (लगभग 27 करोड़ किलोमीटर) दूर रहेगी और कोई खतरा नहीं है। इसका परिधि (सूर्य के सबसे करीब बिंदु) 29-30 अक्टूबर को होगा, जहां यह मंगल की कक्षा के अंदर 20.3 करोड़ किलोमीटर दूर होगा। इसकी गति 61 किलोमीटर प्रति सेकंड है, जो इसे पिछले इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट्स (जैसे ‘ओउमुआमुआ और बोरीसोव) से तेज बनाती है।

लेकिन लोएब इससे असहमत हैं। वे कहते हैं कि इसकी ट्रैजेक्टरी (पथ) बेहद असामान्य है- यह पृथ्वी, मंगल, शुक्र और बृहस्पति के कक्षाओं से करीब गुजर रही है, जिसकी प्राकृतिक संभावना सिर्फ 0.2% है। इसके अलावा, जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की जांच में पाया गया कि यह मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड से बना है, और इसमें निकल (निकल) की असामान्य मात्रा (प्रति सेकंड 4 ग्राम) है, लेकिन लोहा (आयरन) बिल्कुल नहीं। लोएब का दावा है कि ‘निकल टेट्राकार्बोनिल’ नामक यह यौगिक केवल मानव-निर्मित औद्योगिक प्रक्रियाओं में पाया जाता है, जो एलियन टेक्नोलॉजी का संकेत हो सकता है।

लोएब ने नासा पर भी आरोप लगाए हैं कि वे मंगल ऑर्बिटर की तस्वीरें छिपा रहे हैं, जो 3I/ATLAS को मंगल के पास दिखाती हैं। “डेटा वैज्ञानिकों से चाहते हैं, न कि कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट से,” उन्होंने कहा।

वैज्ञानिक समुदाय की प्रतिक्रिया: ‘बकवास पर सनसनी’

वैज्ञानिक जगत में लोएब की थ्योरी को खारिज किया जा रहा है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के खगोलशास्त्री क्रिस लिंटॉट ने इसे ‘नॉसेंस ऑन स्टिल्ट्स’ (बकवास पर ऊंचे जूतों का सहारा) कहा, जबकि ईएसए (यूरोपियन स्पेस एजेंसी) के रिचर्ड मॉयस्ल ने कहा कि कोई कृत्रिम उत्पत्ति का सबूत नहीं है। नासा और ईएसए ने स्पष्ट किया कि 3I/ATLAS एक प्राकृतिक धूमकेतु है, जिसकी कोमा (वायुमंडल) में धूल कण और कार्बनिक यौगिक (थोलिन्स) हैं, जो डी-टाइप क्षुद्रग्रहों जैसा है।
हालांकि, लोएब के समर्थक मानते हैं कि उनकी थ्योरी वैज्ञानिक जिज्ञासा जगाती है। जूनो स्पेसक्राफ्ट (जो बृहस्पति की कक्षा में है) मार्च 2026 में इसे करीब से देखेगा, जब यह बृहस्पति से 5.4 करोड़ किलोमीटर दूर गुजरेगा।

सोशल मीडिया पर हंगामा: स्टॉक मार्केट क्रैश से UFO साइटिंग्स तक

लोएब की चेतावनी के बाद सोशल मीडिया पर अफरा-तफरी मच गई है। #TakeVacationBeforeOct29 ट्रेंड कर रहा है, जहां लोग मीम्स शेयर कर रहे हैं- “एलियंस आ रहे हैं, पैकिंग शुरू!” कुछ यूजर्स UFO साइटिंग्स और ‘दो चांदों’ की अफवाहें जोड़ रहे हैं। लोएब ने खुद लिखा कि 29 अक्टूबर को ‘एलियन इनवेजन’ के डर से स्टॉक मार्केट क्रैश हो सकता है। लेकिन विशेषज्ञ कहते हैं कि यह प्रतीकात्मक है- नई डेटा रिलीज या ऑब्जर्वेशन की तारीख।
ईएसए की ‘कॉमेट इंटरसेप्टर’ मिशन 2029 में लॉन्च होगी, जो ऐसे ऑब्जेक्ट्स को ट्रैक करेगी। फिलहाल, टेलीस्कोप्स (हबल, जेम्स वेब) इसे ट्रैक कर रहे हैं।

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