नई दिल्ली/एजेंसी: भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव में नामांकन प्रक्रिया के दौरान कुल 44 नामांकन पत्र रद्द किए गए हैं। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन और विपक्षी इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने अपने-अपने नामांकन पत्र चार-चार सेटों में दाखिल किए थे।

नामांकन प्रक्रिया का विवरण

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 21 अगस्त 2025 थी। इस दौरान कुल 52 नामांकन पत्र दाखिल किए गए, जिनमें से 44 को तकनीकी आधारों पर रद्द कर दिया गया। नियमानुसार, प्रत्येक उम्मीदवार को कम से कम 20 प्रस्तावक और 20 अनुमोदक सांसदों के हस्ताक्षर के साथ नामांकन दाखिल करना होता है, साथ ही 15,000 रुपये की जमानत राशि भी जमा करनी होती है। रद्द किए गए नामांकन पत्रों में ज्यादातर वे थे जो इन शर्तों को पूरा नहीं कर सके।

सी.पी. राधाकृष्णन का नामांकन

एनडीए के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के वर्तमान राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने 20 अगस्त 2025 को संसद भवन में चार सेटों में अपना नामांकन दाखिल किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, किरेन रिजिजू, और एनडीए के अन्य प्रमुख नेता जैसे चिराग पासवान (लोजपा-रामविलास), राजीव रंजन सिंह (जदयू), प्रफुल्ल पटेल (राकांपा), और जीतन राम मांझी (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा) उपस्थित थे। पहले सेट में मुख्य प्रस्तावक के रूप में पीएम मोदी ने हस्ताक्षर किए, जबकि अन्य सेटों में केंद्रीय मंत्रियों और एनडीए नेताओं के हस्ताक्षर शामिल थे। राधाकृष्णन ने नामांकन से पहले संसद भवन परिसर में प्रेरणा स्थल पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

बी. सुदर्शन रेड्डी का नामांकन

विपक्षी इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी ने 21 अगस्त 2025 को अपना नामांकन दाखिल किया। उनके नामांकन के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, शरद पवार (एनसीपी-एसपी), डीएमके सांसद तिरुचि शिवा, और शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत सहित गठबंधन के कई प्रमुख नेता मौजूद थे। रेड्डी ने भी चार सेटों में नामांकन दाखिल किया, जिनमें 160 सांसदों ने प्रस्तावक और अनुमोदक के रूप में हस्ताक्षर किए। इनमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, और मल्लिकार्जुन खरगे के नाम शामिल हैं। रेड्डी ने भी नामांकन से पहले स्वतंत्रता सेनानियों और महान नेताओं को श्रद्धांजलि दी।

चुनाव का नंबर गेम

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में कुल 782 सांसद शामिल हैं, जिनमें 542 लोकसभा और 240 राज्यसभा के सदस्य हैं। जीत के लिए 391 सांसदों का समर्थन आवश्यक है। एनडीए के पास 422 सांसदों का समर्थन है, जबकि विपक्षी इंडिया गठबंधन के पास 312 सांसद हैं। इसके अलावा, वाईएसआरसीपी जैसी गैर-गठबंधन पार्टियों ने भी राधाकृष्णन के समर्थन की घोषणा की है, जिससे उनकी जीत लगभग तय मानी जा रही है। हालांकि, विपक्ष ने इस मुकाबले को वैचारिक लड़ाई करार देते हुए इसे संविधान और उसके मूल्यों की रक्षा से जोड़ा है। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “यह चुनाव केवल एक पद के लिए नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्र की आत्मा के लिए है।”

चुनाव का महत्व और पृष्ठभूमि

यह उपराष्ट्रपति चुनाव जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य कारणों से अचानक इस्तीफा देने के बाद हो रहा है। धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था। चुनाव 9 सितंबर 2025 को होगा, और उसी दिन परिणाम घोषित किए जाएंगे। दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से हैं—राधाकृष्णन तमिलनाडु से और रेड्डी आंध्र प्रदेश से। रेड्डी गुवाहाटी हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और गोवा के पहले लोकायुक्त रह चुके हैं।

आगे की प्रक्रिया

नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 25 अगस्त 2025 है। इसके बाद, 9 सितंबर को मतदान होगा, जिसमें संसद के दोनों सदनों के सदस्य गुप्त मतदान के माध्यम से वोट डालेंगे। उपराष्ट्रपति का निर्वाचन आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल हस्तांतरणीय मत द्वारा होता है।

संख्याबल के आधार पर एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन का पलड़ा भारी नजर आता है, लेकिन विपक्ष ने बी. सुदर्शन रेड्डी के रूप में एक मजबूत उम्मीदवार उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। यह चुनाव न केवल एक संवैधानिक पद के लिए है, बल्कि राजनीतिक और वैचारिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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