आगरा: जिले के एसएन मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार रात एक सनसनीखेज घटना सामने आई, जिसमें कासगंज जेल से इलाज के लिए लाया गया साइबर अपराध का आरोपी संकेत यादव (22) हथकड़ी खोलकर फरार हो गया। उसकी अभिरक्षा में तैनात दो बंदी रक्षक उस समय सो रहे थे। घटना का पता एक घंटे बाद लगने पर तलाश शुरू की गई, लेकिन बंदी का कोई सुराग नहीं मिल सका। थाना एमएम गेट में बंदी और दोनों बंदी रक्षकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

मध्य प्रदेश के जबलपुर निवासी संकेत यादव को कासगंज पुलिस ने साइबर क्राइम के एक मामले में गिरफ्तार किया था। वह कासगंज जेल में बंद था। पिछले कुछ दिनों से उसे पेट दर्द और उल्टी की शिकायत थी, जिसके चलते शुक्रवार शाम उसे आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग में भर्ती कराया गया। उसकी देखरेख के लिए बंदी रक्षक अजीत पांडे और जयंत कुमार तैनात थे।

रात करीब 2 बजे, संकेत ने हथकड़ी से हाथ निकालकर अस्पताल से फरार होने में सफलता हासिल की। दोनों बंदी रक्षक उस समय सो रहे थे और उन्हें रात 3 बजे नींद खुलने पर बंदी के भागने का पता चला। उन्होंने तुरंत आसपास तलाश शुरू की, लेकिन संकेत का कोई सुराग नहीं मिला।

घटना की सूचना मिलने पर थाना एमएम गेट पुलिस ने बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन सहित आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान चलाया, लेकिन बंदी का पता नहीं चल सका। कासगंज जेल के उप कारापाल उमेश चंद शर्मा की तहरीर पर संकेत यादव और दोनों बंदी रक्षकों, अजीत पांडे और जयंत कुमार, के खिलाफ थाना एमएम गेट में मुकदमा दर्ज किया गया है।

डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि पुलिस ने तलाशी अभियान तेज कर दिया है। सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है और संकेत के संभावित भागने के रास्तों पर नजर रखी जा रही है। एक पुलिस टीम को उसके गृह नगर जबलपुर भेजा गया है, ताकि वहां के स्थानीय संपर्कों और परिवार से जानकारी जुटाई जा सके। दोनों बंदी रक्षक भी तलाश में सहयोग कर रहे हैं।

पुलिस को संदेह है कि संकेत ने अपनी बीमारी का फायदा उठाकर भागने की योजना बनाई होगी। हथकड़ी खोलकर भागने की उसकी क्षमता से जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या संकेत को किसी से बाहरी मदद मिली थी। सीसीटीवी फुटेज और अस्पताल के कर्मचारियों से पूछताछ के आधार पर पुलिस सुराग तलाश रही है।

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