फतेहाबाद/आगरा। 7 सितंबर यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है जिससे नदी किनारे बसे गांवों में हालात गंभीर होते जा रहे हैं। रविवार को तहसीलदार बबलेश कुमार ने पारौली सिकरवार पहुंचकर हालात का जायजा लिया और प्रभावित किसानों से मुलाकात की।
लगातार बढ़ रहे जलस्तर से किसानों की बाजरे, ग्वार, अरहर और सब्जियों की फसलें पूरी तरह जलमग्न हो गई हैं। खेतों में खड़ी फसल पानी में डूबकर नष्ट हो चुकी है। कई किसान मजबूरीवश यमुना किनारे खड़ी फसल को काटने में जुटे हैं ताकि नुकसान को कुछ हद तक कम किया जा सके।
ग्रामीणों का कहना है कि पानी की वजह से पशुओं के लिए चारे का संकट भी गहराता जा रहा है। वहीं, सब्जियों की खेती पूरी तरह चौपट हो जाने से किसानों को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
किसान वीरेंद्र सिंह ने कहा -हमारी साल भर की मेहनत पानी में बह गई। अब घर का खर्च और बच्चों की पढ़ाई कैसे चलेगी, समझ नहीं आ रहा।
वहीं एक अन्य किसान मोहन लाल ने बताया – पशुओं को खिलाने के लिए चारा नहीं बचा है। मजबूरी में हम लोग डूबते खेतों से फसल काटने जा रहे हैं।
तहसीलदार बबलेश कुमार ने किसानों से अपील की कि वे यमुना नदी से दूर रहें और अपनी जान जोखिम में डालकर फसल काटने की कोशिश न करें। उन्होंने कहा प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। प्रभावित किसानों को हर संभव मदद दी जाएगी। प्रशासन की मानें तो यदि जलस्तर और बढ़ता है तो प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने की व्यवस्था भी की जाएगी।
रिपोर्ट – सुशील गुप्ता