JNN! गया/ बिहार | बिहार के गया जिले में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशाल जनसभा ने न केवल चुनावी माहौल को गरमाया, बल्कि एक अप्रत्याशित घटनाक्रम ने पूरे राजनीतिक गलियारे में हलचल मचा दी। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के दो विधायक, नवादा से विभा देवी और राजौली से प्रकाश वीर, PM मोदी की रैली में न केवल शामिल हुए, बल्कि उनके साथ मंच भी साझा किया। इस घटना ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी समीकरणों को नया मोड़ दे दिया है।

क्या है पूरा मामला?

मगध विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित इस रैली में PM मोदी ने जहां विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया और विपक्ष पर जमकर हमला बोला, वहीं मंच पर RJD विधायकों की मौजूदगी ने सबका ध्यान खींचा। नवादा से विधायक विभा देवी, जो पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव की पत्नी हैं, और राजौली से विधायक प्रकाश वीर, जो 2020 में BJP उम्मीदवार को हराकर चुने गए थे, मंच पर पीछे की पंक्ति में बैठे नजर आए। सूत्रों के मुताबिक, दोनों विधायक लंबे समय से RJD से नाराज चल रहे थे और उनके BJP में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं।

प्रकाश वीर का बयान: ‘PM के कार्यों से प्रभावित हूं’

रैली के बाद राजौली के विधायक प्रकाश वीर ने बड़ा बयान देते हुए कहा, “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों से काफी प्रभावित हूं। उनके विजन और बिहार के लिए किए गए विकास कार्यों का कोई जवाब नहीं है। अगर मेरे खिलाफ RJD कोई कार्रवाई करती है, तो मुझे उसका कोई डर नहीं है।” इस बयान ने साफ कर दिया कि प्रकाश वीर का झुकाव अब NDA की ओर हो सकता है।

विभा देवी का विवादित बैकग्राउंड

नवादा की विधायक विभा देवी का राजनीतिक सफर भी चर्चा में रहा है। उनके पति और पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव को दुष्कर्म मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद अयोग्य घोषित किया गया था। इसके बाद 2020 में विभा देवी ने RJD के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। हालांकि, पिछले कुछ महीनों से उनकी पार्टी से दूरी और असंतोष की खबरें सामने आ रही थीं। सूत्रों का कहना है कि तेजस्वी यादव की नवादा यात्रा के दौरान दोनों विधायकों के टिकट कटने की चर्चा ने उनके इस कदम को और बल दिया।

RJD को झटका, तेजस्वी के लिए खतरे की घंटी

RJD के लिए यह घटना किसी बड़े झटके से कम नहीं है। पार्टी प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि विभा देवी और प्रकाश वीर को पहले ही संगठनात्मक गतिविधियों से अलग किया जा चुका है। प्रवक्ता ने दावा किया कि जनता की शिकायतों के बाद पार्टी ने इन दोनों के टिकट पर पुनर्विचार करने का फैसला लिया था। लेकिन मंच पर उनकी मौजूदगी ने RJD के अंदरूनी असंतोष को उजागर कर दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना RJD के लिए आगामी चुनावों में नुकसानदायक साबित हो सकती है।

PM मोदी का विपक्ष पर हमला

रैली में PM मोदी ने RJD और महागठबंधन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “जो लोग जंगलराज की बात करते थे, आज वही लोग बिहार के विकास को रोकने की साजिश रच रहे हैं। हम सख्त कानून ला रहे हैं, लेकिन RJD और कांग्रेस इसका विरोध कर रहे हैं। ये लोग पाप छुपाने की कोशिश में हैं, लेकिन जनता सब जानती है।” PM के इस बयान ने सियासी माहौल को और गर्म कर दिया।

क्या कहते हैं राजनीतिक जानकार?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह महज एक इत्तेफाक नहीं, बल्कि एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। नवादा और राजौली जैसे क्षेत्रों में RJD की मजबूत पकड़ रही है, लेकिन इन विधायकों का NDA के मंच पर जाना सीट समीकरणों को प्रभावित कर सकता है। अगर ये दोनों विधायक BJP या NDA में शामिल होते हैं, तो यह RJD के लिए बड़ा नुकसान होगा और बिहार की सियासत में नया समीकरण बन सकता है।

RJD की प्रतिक्रिया

RJD सांसद मनोज झा ने PM मोदी के दौरे पर तंज कसते हुए कहा, “लोग अब PM के आने से उत्साहित नहीं हैं। वो कहते हैं ‘जुमला जी’ आ रहे हैं। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ को जनता का समर्थन मिल रहा है, जबकि PM के वादे खोखले साबित हुए हैं।” हालांकि, पार्टी ने अभी तक दोनों विधायकों के मंच पर जाने के मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।

आगे क्या?

बिहार में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे पाला बदलने का खेल तेज होता जा रहा है। RJD के इन दो विधायकों का PM मोदी के मंच पर जाना न केवल पार्टी के लिए झटका है, बल्कि यह NDA की रणनीति की सफलता को भी दर्शाता है। अब सवाल यह है कि क्या ये विधायक औपचारिक रूप से NDA में शामिल होंगे? और इसका RJD के वोट बैंक और सीट समीकरणों पर क्या असर पड़ेगा?

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