JNN: नई दिल्ली/एजेंसी।  संसद भवन में तमिलनाडु के ऐतिहासिक सेंगोल की स्थापना के बाद अब ओडिशा की विश्व प्रसिद्ध पुरी रथ यात्रा के तीन पहिए स्थापित किए जाएंगे। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने इसकी आधिकारिक पुष्टि की है। ये पहिए भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र के रथों से लाए जाएंगे, जिन्हें क्रमशः नंदीघोष, दर्पदलन और तालध्वज के नाम से जाना जाता है।

इन पहियों को संसद भवन में ओडिशा की समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के स्थायी प्रतीक के रूप में स्थापित किया जाएगा। यह कदम भारतीय संस्कृति और परंपराओं को राष्ट्रीय मंच पर और अधिक प्रखरता से प्रदर्शित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के अनुसार, यह निर्णय ओडिशा की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को सम्मान देने के साथ-साथ देश की एकता और विविधता को दर्शाता है।

इस पहल का स्वागत करते हुए कई सांसदों और सांस्कृतिक संगठनों ने इसे भारतीय परंपराओं के संरक्षण और प्रचार के लिए एक सराहनीय कदम बताया है। जल्द ही इन पहियों की स्थापना की तारीख और प्रक्रिया की आधिकारिक घोषणा की जाएगी।

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