JNN: कुशीनगर, उत्तर प्रदेश। कुशीनगर जिले के कुबेरस्थान थाना क्षेत्र के सेमरा हर्दो गांव में पशु चराने के विवाद ने एक दिल दहलाने वाली घटना का रूप ले लिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के जिला सह संघ चालक इंद्रजीत सिंह के बेटे और अखिल भारतीय गहरवार क्षत्रिय महासभा के जिला संगठन मंत्री उत्कर्ष सिंह (40) की शुक्रवार शाम बदमाशों ने बेरहमी से हत्या कर दी। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी और गांव में तनाव का माहौल है।
क्या है पूरा मामला?
पुलिस और स्थानीय लोगों के अनुसार, उत्कर्ष सिंह को उनके खेत में पशुओं के चरने की सूचना मिली थी। खेत पर पहुंचकर उन्होंने पास में झोपड़ी डालकर रहने वाले कन्हई यादव के परिवार से पशुओं को हटाने को कहा। इस बात को लेकर बहस शुरू हुई, जो जल्द ही हिंसक झड़प में बदल गई। कन्हई यादव के चार बेटों—सच्चिदानंद, श्रीनिवास, देवेंद्र और ज्ञान—ने उत्कर्ष को घेर लिया और उन पर लाठी-डंडों और फरसे से ताबड़तोड़ हमला कर दिया।
हमलावरों ने पहले उत्कर्ष को बुरी तरह पीटा। जब वह जान बचाकर भागने की कोशिश करने लगा, तो आरोपियों ने उसका पीछा किया और दोबारा हमला किया। हमले में उत्कर्ष की एक आंख फोड़ दी गई, कान काट डाले गए, और सिर व शरीर के अन्य हिस्सों पर गंभीर चोटें पहुंचाई गईं। परिजनों का आरोप है कि हमलावरों ने उत्कर्ष का गला दबाकर उनकी हत्या सुनिश्चित की। मौके पर पहुंचे परिजनों ने उत्कर्ष को पडरौना मेडिकल कॉलेज पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी
घटना की सूचना मिलते ही कुबेरस्थान पुलिस और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और फोरेंसिक सबूत इकट्ठा किए। कुशीनगर के पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्र ने बताया कि इस मामले में FIR दर्ज की गई है और तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि एक आरोपी अभी फरार है। फरार आरोपी की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है। गांव में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
गांव में बुलडोजर ऐक्शन की मांग
उत्कर्ष सिंह की हत्या के बाद गांव में गुस्सा भड़क उठा। स्थानीय लोगों ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और उनके घरों पर बुलडोजर चलाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की क्रूरता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया है, ताकि कोई सांप्रदायिक या हिंसक घटना न हो।
पृष्ठभूमि और परिवार
उत्कर्ष सिंह की शादी को 10 साल हो चुके थे और उनकी एक 8 साल की बेटी है। वह घर पर रहकर खेती का काम संभालते थे। उनके पिता इंद्रजीत सिंह न केवल RSS के जिला सह संघ चालक हैं, बल्कि जिला सत्र न्यायालय में वकील भी हैं। परिवार का आरोप है कि कन्हई यादव के परिवार के साथ पहले भी गाड़ी खड़ी करने और अन्य छोटे-मोटे मुद्दों पर विवाद होता रहा है। कुछ ग्रामीणों ने यह भी दावा किया कि उत्कर्ष पर एक महिला को लेकर गलत नजर रखने का आरोप था, जिसे पुलिस जांच में शामिल किया गया है।
तनावपूर्ण माहौल और जांच
हत्या के बाद गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। पुलिस की गाड़ियों की सायरन और भारी पुलिस बल की तैनाती ने इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मामले की गहन जांच की जा रही है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि गांव में शांति बनी रहे।
सवालों के घेरे में कानून-व्यवस्था
इस घटना ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। RSS जैसे संगठन से जुड़े व्यक्ति की हत्या ने मामले को और संवेदनशील बना दिया है। सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर चर्चा तेज है, जहां लोग इस क्रूरता की निंदा कर रहे हैं और कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
_______________