नई दिल्ली/एजेंसी। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और 2024 के लोकसभा चुनाव में कथित ‘वोट चोरी’ के खिलाफ संसद भवन से चुनाव आयोग मुख्यालय तक मार्च निकाला। इस मार्च में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और अन्य दलों के करीब 300 सांसद शामिल थे। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने परिवहन भवन के पास बैरिकेड लगाकर मार्च को रोक दिया और राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, संजय राउत, सागरिका घोष सहित कई नेताओं को हिरासत में ले लिया।
नाटकीय दृश्य: अखिलेश ने फांदी बैरिकेड, सांसद सड़क पर बैठे
मार्च के दौरान समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने पुलिस बैरिकेड को पार करने के लिए छलांग लगा दी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। अखिलेश ने कहा, “हम वोट बचाने के लिए बैरिकेड फांद रहे हैं। जिन लोगों ने वोट काटे हैं, उनके खिलाफ चुनाव आयोग को कार्रवाई करनी चाहिए।” बैरिकेड रोकने के बाद विपक्षी सांसद सड़क पर धरने पर बैठ गए और ‘वोट चोरी बंद करो’ जैसे नारे लगाए। प्रियंका गांधी वाड्रा, डिंपल यादव और अन्य नेताओं ने भी नारेबाजी की। प्रियंका ने हिरासत में लिए जाने के बाद कहा, “सरकार डरी हुई है। ये कायर सरकार है।”
प्रदर्शन के दौरान टीएमसी सांसद बेहोश
प्रदर्शन के दौरान तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा और मिताली बाग बेहोश हो गईं। राहुल गांधी और अन्य सांसदों ने उन्हें पानी पिलाकर सहायता की। कांग्रेस सांसद ज्योतिमणि और संजना जाटव ने बैरिकेड पर चढ़कर सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
विपक्ष का आरोप: ‘वोट चोरी’ और मतदाता सूची में धांधली
विपक्षी दलों का आरोप है कि बिहार में SIR और 2024 के चुनावों में मतदाता सूची में हेरफेर कर ‘वोट चोरी’ की गई। राहुल गांधी ने बेंगलुरु के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए दावा किया कि 1,00,250 मतों की चोरी हुई, जबकि यह सीट भाजपा ने मात्र 32,707 मतों से जीती थी। उन्होंने कहा, “यह लड़ाई राजनीतिक नहीं, बल्कि संविधान और ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के अधिकार को बचाने की है। हमें साफ-सुथरी मतदाता सूची चाहिए।”
पुलिस का दावा: मार्च के लिए नहीं थी अनुमति
दिल्ली पुलिस ने कहा कि मार्च के लिए कोई औपचारिक अनुमति नहीं ली गई थी। सुरक्षा व्यवस्था के तहत बैरिकेड लगाए गए और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए गए। पुलिस ने नेताओं को संसद मार्ग थाने ले जाया, जहां कुछ देर बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपने की मांग
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि विपक्ष शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव आयोग को SIR से संबंधित दस्तावेज सौंपना चाहता था, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोका। उन्होंने जोर दिया कि पूरा विपक्ष, न कि केवल 30 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल, चुनाव आयोग से मिलना चाहता था।
संसद में भी हंगामा, कार्यवाही स्थगित
वोटर लिस्ट विवाद को लेकर लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई। विपक्षी दलों ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताते हुए सरकार और चुनाव आयोग पर निशाना साधा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “भाजपा की तानाशाही नहीं चलेगी। यह जनता के वोट के अधिकार की लड़ाई है।”
विपक्ष का अगला कदम
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “वोट चोरी की सच्चाई देश के सामने है। यह लोकतंत्र और संविधान की रक्षा की लड़ाई है।” विपक्ष ने इस मुद्दे पर राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने और न्यायिक कदम उठाने की बात कही है।[]
यह घटना लोकतंत्र की पारदर्शिता और मतदाता सूची की विश्वसनीयता को लेकर गंभीर सवाल उठाती है, जिसके आगामी चुनावों पर व्यापक प्रभाव हो सकते हैं।
_________________