महराजगंज।  उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में शिक्षा विभाग की एक ऑनलाइन बैठक के दौरान उस समय हड़कंप मच गया, जब जूम पर आयोजित ई-चौपाल में अचानक पोर्न वीडियो चलने लगा। यह बैठक जिला अधिकारी (डीएम) संतोष कुमार शर्मा की अध्यक्षता में 7 अगस्त को हुई थी, जिसमें बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए), खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ), हेडमास्टर, सरकारी शिक्षक और आम लोग शामिल थे। इस शर्मनाक घटना के बाद कई अधिकारियों ने मीटिंग छोड़ दी, वहीं एक अन्य व्यक्ति ने आपत्तिजनक भाषा का भी इस्तेमाल किया।

क्या है पूरा मामला?

जानकारी के मुताबिक, ई-चौपाल का आयोजन सरकारी स्कूलों की समस्याओं पर चर्चा और जनता से सीधा संवाद स्थापित करने के लिए किया गया था। जिला सूचना अधिकारी ने जूम मीटिंग का लिंक विभिन्न ग्रुपों में साझा किया था। बैठक के दौरान ‘जेसन जूनियर’ नाम के एक यूजर ने अपनी स्क्रीन शेयर कर अश्लील वीडियो चला दिया, जिससे मौजूद सभी लोग स्तब्ध रह गए। इसके बाद ‘अर्जुन’ नाम के एक अन्य यूजर ने अभद्र टिप्पणियां कीं, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।

तुरंत कार्रवाई, FIR दर्ज

घटना को गंभीरता से लेते हुए डीएम संतोष कुमार शर्मा ने कड़ा रुख अपनाया। बीएसए रिद्धि पांडेय के आदेश पर खंड शिक्षा अधिकारी (फरेंदा) सुदामा प्रसाद ने 9 अगस्त को कोतवाली थाने में दो अज्ञात व्यक्तियों, जेसन जूनियर और अर्जुन, के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। प्राथमिकी में भारतीय नवसनान संहिता (बीएनएस) की धारा 221, 352 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67(ए) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

साइबर सेल ने शुरू की जांच

सदर कोतवाल सत्येंद्र राय ने बताया कि पुलिस साइबर एक्सपर्ट्स की मदद से आरोपियों की पहचान करने में जुटी है। तकनीकी साक्ष्यों और आईपी एड्रेस के आधार पर जल्द ही दोनों आरोपियों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है। यह घटना न केवल प्रशासनिक बैठक की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली है, बल्कि साइबर अपराध की श्रेणी में भी आती है।

बीएसए ने जताई नाराजगी

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धि पांडेय ने इस घटना को शर्मनाक और अस्वीकार्य बताया। उन्होंने कहा, “यह कृत्य न केवल बैठक की मर्यादा को भंग करता है, बल्कि यह एक गंभीर साइबर अपराध भी है। हम इस मामले में कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।”

सोशल मीडिया पर चर्चा


घटना के बाद सोशल मीडिया पर इस मामले ने तूल पकड़ लिया। लोग इसे साइबर सुरक्षा और ऑनलाइन मंचों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने वाला बता रहे हैं। कई यूजर्स ने जूम मीटिंग्स में स्क्रीन शेयरिंग और एक्सेस कंट्रोल को और सख्त करने की मांग की है।

आगे क्या? 

जिला प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और पुलिस से जल्द से जल्द आरोपियों को पकड़ने के निर्देश दिए गए हैं। यह घटना ऑनलाइन बैठकों में साइबर सुरक्षा के महत्व को एक बार फिर रेखांकित करती है। प्रशासन ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तकनीकी उपायों को और मजबूत करने का आश्वासन दिया है।

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