लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के ठाकुरगंज क्षेत्र में स्थित ऑक्सीजन हॉस्पिटल में इलाज के दौरान तीन साल के बच्चे जियान की मौत का मामला सामने आया है। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही और मनमानी वसूली का आरोप लगाया है। घटना के बाद आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया, जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
पीड़ित मां सोमैया ने बताया कि उनके बेटे जियान को बुखार था, जिसके लिए उसे दूध मंडी स्थित ऑक्सीजन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। शुरूआती इलाज के बाद बच्चे की हालत में सुधार हुआ था, लेकिन रविवार शाम डॉक्टरों ने 50,000 रुपये का इंजेक्शन लगाने की सलाह दी। सोमैया ने जेवर बेचकर किसी तरह पैसे जुटाए और इंजेक्शन लगवाया। लेकिन, इंजेक्शन लगाने के कुछ ही देर बाद जियान की हालत बिगड़ने लगी।
परिजनों का आरोप है कि बच्चे की हालत बिगड़ने पर अस्पताल स्टाफ ने गले में नली डाली, जो फेफड़े में फंस गई। मां सोमैया ने कहा, “डॉक्टरों ने ऑक्सीजन की पाइप से मेरे बेटे का फेफड़ा फाड़ दिया। यह अस्पताल नहीं, कत्लखाना है।” परिजनों ने बताया कि देर रात जब उन्होंने बच्चे को बड़े अस्पताल में रेफर करने की गुहार लगाई, तो अस्पताल कर्मचारियों ने अभद्रता की। सोमवार सुबह 6:30 बजे जियान को मृत घोषित कर दिया गया।
घटना के बाद परिजनों और स्थानीय लोगों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। सूचना पर पहुंची ठाकुरगंज पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर मामला दर्ज कर लिया है। इंस्पेक्टर ठाकुरगंज ओमवीर सिंह ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. एनबी सिंह ने कहा कि अस्पताल से इलाज से जुड़े दस्तावेज मांगे गए हैं और जांच के बाद उचित कार्रवाई होगी।
हालांकि, ऑक्सीजन हॉस्पिटल के संचालक डॉ. अयान ने लापरवाही के आरोपों को खारिज किया है। उनका कहना है कि बच्चे के गर्दन के नीचे का हिस्सा काम नहीं कर रहा था और इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती गई। उन्होंने यह भी दावा किया कि लिए गए सभी रुपये का बिल परिजनों को दिया गया है।
यह घटना एक बार फिर निजी अस्पतालों में इलाज की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर सवाल उठाती है। परिजनों ने मांग की है कि दोषी डॉक्टरों और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
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