मुरैना: मध्य प्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम, 2010 के तहत शासन की मंशा के अनुरूप प्रत्येक पात्र आवेदनकर्ता को निर्धारित समय-सीमा में शासकीय सेवाएँ प्रदान करने का प्रावधान है। इस अधिनियम के अंतर्गत यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी समय-सीमा में सेवा प्रदान करने में विफल रहता है, तो उस पर दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है।
इसी क्रम में मुरैना जिले की ग्राम पंचायत हिंगोना के पंचायत सचिव श्री राम मंसूरिया द्वारा आवेदनकर्ता के प्रकरण का समय-सीमा में निराकरण न किए जाने के कारण कलेक्टर श्री लोकेश कुमार रामचंद्र जांगिड़ ने 500 रुपये का दंड अधिरोपित किया है। इसी प्रकार, ग्राम पंचायत किशनपुर के सचिव श्री धर्मेंद्र सिंह द्वारा दो आवेदनों का समय-सीमा में निराकरण न करने पर 1,000 रुपये का दंड लगाया गया है।
कलेक्टर के आदेश
कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में निर्देश दिया गया है कि उक्त दंड की राशि संबंधित पंचायत सचिवों के आगामी माह के वेतन से काटी जाए। आहरण एवं संवितरण अधिकारी को इस राशि की वसूली कर चालान की प्रति कलेक्टर कार्यालय को प्रेषित करने के लिए कहा गया है। साथ ही, कलेक्टर ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही दोबारा न हो, अन्यथा और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
लोक सेवा गारंटी अधिनियम का उद्देश्य
मध्य प्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम, 2010 का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को पारदर्शी, समयबद्ध, और जवाबदेह तरीके से शासकीय सेवाएँ उपलब्ध कराना है। इस अधिनियम के तहत विभिन्न सेवाओं, जैसे प्रमाण-पत्र जारी करना, योजनाओं का लाभ, और अन्य प्रशासनिक कार्यों को निर्धारित समय में पूरा करना अनिवार्य है।
प्रशासन का संदेश
कलेक्टर श्री जांगिड़ ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि वे लोक सेवा गारंटी अधिनियम के प्रावधानों का कड़ाई से पालन करें ताकि आम नागरिकों को बिना विलंब के सेवाएँ प्राप्त हो सकें। उन्होंने जनता से भी अपील की है कि वे अपनी शिकायतों या आवेदनों के संबंध में समय-सीमा का उल्लंघन होने पर जिला प्रशासन को सूचित करें।
- रिपोर्ट – मुहम्मद इसरार खान

