गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने गाजियाबाद के कविनगर इलाके में एक सनसनीखेज कार्रवाई करते हुए एक अवैध दूतावास का भंडाफोड़ किया है। मंगलवार रात को STF की नोएडा यूनिट ने कविनगर के एक आलीशान मकान (KB-35) पर छापेमारी कर हर्षवर्धन जैन, पुत्र जे.डी. जैन, को गिरफ्तार किया।

हर्षवर्धन खुद को वेस्ट आर्कटिका, सेबोर्गा, पॉल्विया, और लोडोनिया जैसे काल्पनिक या माइक्रोनेशन देशों का कॉन्सुल/एंबेसडर बताकर लोगों को ठग रहा था।

जब्त सामान और ठगी का जाल
STF ने छापेमारी के दौरान हर्षवर्धन के पास से 44.7 लाख रुपये नकद, विभिन्न देशों की विदेशी मुद्राएं, 20 डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट, 4 डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट वाली लग्जरी गाड़ियां, 12 फर्जी डिप्लोमैटिक पासपोर्ट, विदेश मंत्रालय की जाली मोहरों वाले दस्तावेज, 34 विदेशी और कंपनियों की मोहरें, 2 फर्जी पैन कार्ड, 2 फर्जी प्रेस कार्ड, एक लैपटॉप, मोबाइल, और अन्य सामान बरामद किया। 

आरोपी लोगों को प्रभावित करने के लिए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ मॉर्फ की गई तस्वीरों का इस्तेमाल करता था। उसने अपने कार्यालय और सोशल मीडिया पर ऐसी फोटो प्रदर्शित की थीं।

हर्षवर्धन का आपराधिक इतिहास
प्रारंभिक जांच में पता चला कि हर्षवर्धन का पहले भी आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। 2011 में उसके पास से अवैध सैटेलाइट फोन बरामद हुआ था, जिसके लिए कविनगर थाने में मामला दर्ज किया गया था। इसके अलावा, उसका कुख्यात चंद्रास्वामी और अंतरराष्ट्रीय हथियार डीलर अदनान खगोशी से भी संपर्क रहा है। 

STF के अनुसार, हर्षवर्धन विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी, फर्जी दस्तावेज तैयार करना, और शेल कंपनियों के जरिए हवाला लेनदेन में शामिल था।

STF की कार्रवाई और आगे की जांच
STF ने मंगलवार रात करीब 10 बजे कविनगर थाने को सूचना देकर छापेमारी की। मौके पर हर्षवर्धन के ससुर आनंद जैन, भाटिया मोड़ निवासी ईश्वर सिंह, और घरेलू सहायक हेमंत कुमार राजवंशी भी मौजूद थे, जिन्हें STF ने गवाह बनाया। 

उत्तर प्रदेश के एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि हर्षवर्धन ने किराए की कोठी में अवैध दूतावास स्थापित किया था और लोगों को ठगने के लिए डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट वाली गाड़ियों का उपयोग करता था। इस मामले में कविनगर थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, और आगे की जांच जारी है। 

यह मामला गाजियाबाद में साइबर क्राइम और अवैध गतिविधियों के बढ़ते हब की ओर इशारा करता है। STF की इस कार्रवाई ने एक बड़े ठगी रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिससे अन्य संदिग्धों की गिरफ्तारी की संभावना भी बढ़ गई है। पुलिस और STF इस मामले में गहन जांच कर रही है ताकि इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों का पता लगाया जा सके। 

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