आगरा: जिले के शाहगंज क्षेत्र में एक सनसनीखेज साइबर ठगी का मामला सामने आया है, जिसमें एक वेज बिरयानी दुकान पर काम करने वाला युवक और उसका जीजा साइबर ठगों के लालच में फंस गए। इस गिरोह ने एक महीने में 6 राज्यों से 3 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की रकम एक बैंक खाते में जमा कराई। 15 लाख रुपये के लेन-देन को लेकर विवाद के बाद पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है।

एडीसीपी आदित्य सिंह ने बताया कि शाहगंज निवासी अमन गौरी ने पुलिस में शिकायत दर्ज की। अमन ने बताया कि वह एक वेज बिरयानी दुकान पर काम करता है, जहां उसका जीजा हैदर भी आता था। हैदर का मूंगफली का गोदाम भी है। दुकान पर हनी, मनी और अमन त्रिवेदी नाम के युवक अक्सर महंगे फोन, घड़ियां, कपड़े और गाड़ियों के साथ आते थे और लाखों रुपये के लेन-देन की बातें करते थे।

जिज्ञासावश जब अमन ने उनके व्यवसाय के बारे में पूछा, तो उन्होंने बताया कि वे साइबर ठगी करते हैं और बैंक खातों में ठगी की रकम जमा करवाकर कमीशन कमाते हैं। उन्होंने अमन को भी 7-8% कमीशन का लालच दिया। अमन ने पहले मना कर दिया, लेकिन हैदर ने लालच में आकर अपना बंधन बैंक का खाता नंबर दे दिया। इस खाते में आने वाली रकम को हैदर हनी, मनी और अमन त्रिवेदी को देता था।

विवाद और पुलिस कार्रवाई

अमन के अनुसार, एक दिन हैदर 15 लाख रुपये लेकर गायब हो गया। इसके बाद हनी अपने साथियों के साथ अमन के घर पहुंचा और रुपये लौटाने का दबाव बनाने लगा। डर के मारे अमन ने पुलिस में शिकायत की। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बुधवार रात को पोइया घाट से हैदर और उसके साथी अब्दुल कादिर को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से एक लैपटॉप और तीन मोबाइल फोन बरामद किए गए।

ठगी का तरीका और लैपटॉप में सबूत

पुलिस जांच में पता चला कि हैदर के बैंक खाते में एक महीने में 6 राज्यों (केरल, दिल्ली, गुरुग्राम, कर्नाटक, मुंबई और तेलंगाना) से 3 करोड़ रुपये से अधिक की रकम जमा हुई थी। साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट जैसे तरीकों से लोगों को ठगा था। बरामद लैपटॉप में ठगी की पूरी जानकारी थी। ठग अपने टारगेट की फाइलें “टारगेट” और ठगे गए लोगों की फाइलें “कंप्लीट टास्क” के नाम से सहेजते थे, जिनमें पीड़ितों के नाम और मोबाइल नंबर दर्ज थे। हैदर अपने मूंगफली के गोदाम में लैपटॉप ले जाकर ठगी की साजिश रचता था।

6 राज्यों से शिकायतें

पुलिस ने समन्वय पोर्टल पर हैदर के खाते की जांच की, जिसमें 6 शिकायतें दर्ज थीं। इनमें थाना गांधी नगर (कोट्टयम, केरल), थाना स्पेशल (दिल्ली), थाना साइबर वेस्ट (गुरुग्राम), बेंगलुरु (कर्नाटक), थाना साइबर नॉर्थ (मुंबई) और साइबर क्राइम थाना (हैदराबाद, तेलंगाना) शामिल हैं। खाते में 40 हजार, 61,88,999 रुपये, 14,04,000 रुपये, 38,56,485 रुपये, 51,46,811.7 रुपये और 1,35,95,000 रुपये की रकम जमा हुई थी। पुलिस को शक है कि यह रकम डिजिटल अरेस्ट जैसे साइबर अपराधों के जरिए जमा की गई थी।

पुलिस की चेतावनी

डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि साइबर ठग मजदूर वर्ग के लोगों को कमीशन का लालच देकर अपने जाल में फंसाते हैं। ठगी की शिकायत होने पर संबंधित बैंक खातों को फ्रीज कर दिया जाता है, और खाताधारक को भी आरोपी बनाया जाता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि लालच में आकर अपने बैंक खाते या मोबाइल नंबर की जानकारी किसी को न दें।

आगे की कार्रवाई

पुलिस ने हनी, मनी और अमन त्रिवेदी की तलाश शुरू कर दी है, जो अभी फरार हैं। जांच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि ठगी का नेटवर्क कितना बड़ा है और अन्य कितने लोग इसमें शामिल हैं।

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