मुरैना/मप्र: रंगरेज़ समाज की एक ऐतिहासिक महापंचायत का आयोजन मुरैना में किया गया, जिसकी अध्यक्षता जनाब अलाउद्दीन ख़ान (सागौरिया के पुरा वाले) ने की। इस महापंचायत में मुरैना, ग्वालियर, श्योपुर, शिवपुरी, धौलपुर, बाड़ी, आगरा, जगनेर, सेंपाउ, करौली और आसपास के गाँवों से रंगरेज़ समाज के बुजुर्ग, जिम्मेदार, हाजी, नौजवान और वॉलंटियर शामिल हुए। कार्यक्रम का आगाज़ कुरआन की तिलावत और हदीस के बयानात के साथ मुफ्ती सिराज (ग्वालियर) ने किया।

मुख्य बयानात और संदेश

महापंचायत में उलमा-ए-किराम और समाजसेवियों ने समाज सुधार, शिक्षा और शरीअत के पालन पर जोर दिया। प्रमुख बयानों में शामिल रहे:

  1. क़ाज़ी अशरफ़ अली (शहर क़ाज़ी, मुरैना):
    “रंगरेज़ समाज में बैंड, बाजा और डीजे बजाने वालों का निकाह मैं नहीं पढ़ाऊँगा। मैं समाज की कमेटी के साथ हर कुरीति के खिलाफ मज़बूती से खड़ा रहूँगा।”

  2. जनाब अलाउद्दीन ख़ान (समाजसेवी):
    “समाज की असल तरक्की तालीम से ही मुमकिन है। बच्चों को दीनी और दुनियावी तालीम में आगे बढ़ाना होगा। तालीम ही समाज के सर्वांगीण विकास की कुंजी है।”

  3. जनाब शहज़ाद ख़ान सिकरोदा (नवनिर्वाचित अध्यक्ष, मुरैना शहर):
    “मैं समाज के हर दुख-दर्द में साथ रहूँगा और तन, मन, धन से समाज की खिदमत करूँगा। 11 बिंदुओं पर अमल कराने का पूरा प्रयास करूँगा।”

  4. शाही इमाम मुफ्ती निज़ाम साहब साक़ीबी (लटेरी, विदिशा):
    “जिस कौम की शुरुआत इल्म से हुई, आज वही इल्म से दूर है। बच्चों को तालीम में आगे लाना होगा, चाहे कम खाना खिलाकर ही सही। असल दौलत इल्म है।”

  5. उलमा-ए-किराम का इत्तेफाकी बयान:
    “मुसलमान और समाज की तरक्की सुन्नत और शरीअत की बुनियाद पर ही मुमकिन है। जब सुन्नत और शरीअत हमारे अंदर ज़िंदा होंगी, तभी हम दुनिया को बेहतर समझ पाएँगे और तरक्की हासिल करेंगे।”

महापंचायत के प्रमुख फैसले

  1. कार्यसमिति का गठन:

    • मुरैना शहर की अस्थायी कार्यसमिति का गठन किया गया।

    • जनाब शहज़ाद ख़ान सिकरोदा को निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया, जिनका साफा बांधकर और माल्यार्पण के साथ स्वागत किया गया।

  2. 18 मौज़ूआत पर अमल:

    • जौरा महापंचायत के 14 मूल मौज़ूआत के साथ 4 अतिरिक्त मौज़ूआत पर काम करने का फैसला।

    • संदेश: “मुरैना शहर में 18 मौज़ूआत पर अमल कर अंजाम तक पहुँचाया जाएगा।”

  3. चार अहम तजावीज़:

    • दहेज पैक करके देना, खुला और दुकाननुमा अंदाज़ में नहीं।

    • कम उम्र में बेवा हुई बेटियों का दोबारा निकाह कराना।

    • विवादित मामलों का हल कमेटी की मदद से करना।

    • मिलजुल कर खाना बनाने की रस्म को अपनाना और इसे बुरा मानने से बचना।

कार्यक्रम की खासियतें

  • बेहतरीन इंतजाम: मेहमानों के स्वागत, ठहरने और खाने की व्यवस्था आला दर्जे की रही।

  • लाइव प्रसारण: लगभग 8000 माँ-बहनों के घरों तक कार्यक्रम का पैगाम लाइव प्रसारण के जरिए पहुँचा।

  • वॉलंटियर्स की मेहनत: समाज के नौजवानों और वॉलंटियर्स की जी-जान से काम करने की भावना ने सभी का दिल जीता।

  • नमाज़ का वक़्फ़ा: कार्यक्रम में नमाज़ के लिए विशेष समय देना, मज़हब और समाज के सामंजस्य का प्रतीक बना।

  • मेडिकल कैंप: मेट्रो पैथोलॉजी लैब (एडी ख़ान, बंटी ख़ान – ग्वालियर) के सहयोग से मेडिकल कैंप का आयोजन।

समाज सुधार का संदेश

महापंचायत ने स्पष्ट संदेश दिया कि समाज सुधार और कुरीतियों का अंत प्राथमिकता है। शिक्षा, सुन्नत और शरीअत को अपनाकर, दहेज और विवादों का समाधान करके, और भाईचारा बढ़ाकर समाज की तरक्की संभव है। बच्चों को दीनी और दुनियावी तालीम देना, कुप्रथाओं को छोड़ना, और एकजुटता बढ़ाना अब हर सदस्य की जिम्मेदारी है।

आयोजन और संचालन

  • संचालन: आबिद ख़ान और इंजी. अफ़्ज़ल ख़ान (M.Tech) ने शानदार संचालन किया।

  • अतिथि सत्कार: चाय, जलपान और दावत-ए-खाना के साथ मेहमाननवाजी की गई।

  • उलमा और मुफ्ती की मौजूदगी: मंच की रौनक बढ़ाने के साथ समाज को इल्मी रोशनी प्रदान की।

 

  • रिपोर्ट – मुहम्मद इसरार खान
Exit mobile version