मुख्य बिंदु:
• आगरा के 7000 शिक्षकों को वेतन नहीं मिला।
• 2491 स्कूलों में पठन-पाठन प्रभावित होने का खतरा।
• वित्त एवं लेखाधिकारी का पद खाली।
• शनिवार तक समाधान नहीं तो होगा घेराव आंदोलन।

आगरा। ताजनगरी के 2491 परिषदीय विद्यालयों के करीब 7000 शिक्षक और कर्मचारी वेतन के लिए परेशान हैं। राज्य सरकार के निर्देशानुसार हर माह की पहली तारीख को वेतन मिलना चाहिए, लेकिन 3 जुलाई बीतने के बाद भी शिक्षकों के खाते खाली हैं।

इसका मुख्य कारण वित्त एवं लेखाधिकारी (बेसिक) का पद लंबे समय से खाली होना बताया जा रहा है। यूटा आगरा के जिला अध्यक्ष के.के. शर्मा और जिला महामंत्री राजीव वर्मा ने इस गंभीर मुद्दे पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि शिक्षकों का वेतन रोकना घोर लापरवाही है।

उन्होंने जिलाधिकारी आगरा को ज्ञापन देकर मांग की है कि अतिशीघ्र वित्त एवं लेखाधिकारी की नियुक्ति की जाए ताकि शिक्षकों और कर्मचारियों को समय पर वेतन मिल सके।

चेतावनी: अगर शनिवार तक वेतन नहीं जारी हुआ, तो यूटा आगरा वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय का घेराव करेगा।

📌 शिक्षक संगठनों में इसको लेकर रोष लगातार बढ़ता जा रहा है। कई शिक्षक संगठनों ने एक सुर में कहा कि अगर समय रहते समाधान नहीं हुआ तो जिलेभर के स्कूलों में शिक्षण कार्य भी बाधित हो सकता है।



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