
मथुरा। बी०एस०ए० इंजीनियरिंग कॉलेज के ऑडिटोरियम में राष्ट्रीय पोषण माह का समापन समारोह बड़े हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की माननीय अध्यक्ष डॉ० बबीता सिंह चौहान ने की।
कार्यक्रम में माननीय विधायक बलदेव श्री पूरन प्रकाश, जिला कार्यक्रम अधिकारी बुद्धि मिश्रा, जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास चंद्र, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रतन कीर्ति, जिला सूचना अधिकारी प्रशांत कुमार सुचारी, खंड विकास अधिकारी फरह नेहा रावत एवं श्रीमती रुचि शर्मा (खंड विकास अधिकारी ग्रामीण) सहित बाल विकास विभाग के सभी परियोजना अधिकारी, सुपरवाइज़र और जनपद की आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां उपस्थित रहीं।
डॉ० बबीता सिंह चौहान ने कार्यक्रम के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा लगाए गए विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन किया और पौष्टिक व्यंजनों का स्वाद चखा। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि व्यंजन कम तेल, कम नमक और कम चीनी में बनाए गए थे। मिलेट्स से बने विविध पौष्टिक व्यंजन भी प्रदर्शित किए गए।
कार्यक्रम में 5 महिलाओं की गोद भराई और 5 बच्चों का अन्नप्राशन संस्कार सम्पन्न हुआ। इसके साथ ही हैंडमेड खिलौनों की प्रतियोगिता में शशि सैनी प्रथम, सीमा छोली द्वितीय तथा हेमलता निमेष तृतीय रहीं, जबकि पौष्टिक व्यंजन रेसिपी प्रतियोगिता में शशि लता प्रथम, विमलेश द्वितीय और आज़ादवती तृतीय रहीं। सभी विजेताओं को विधायक पूरन प्रकाश द्वारा प्रमाणपत्र और उपहार देकर सम्मानित किया गया।
पोषण पुनर्वास केंद्र में सर्वाधिक गंभीर कुपोषित बच्चों को भर्ती कराने के लिए बाल विकास परियोजना अधिकारी चौमुहाँ श्रीमती वंदना शर्मा तथा छाता की श्रीमती किरन गुप्ता को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
जिला कार्यक्रम अधिकारी बुद्धि मिश्रा ने बताया कि पोषण माह के दौरान लगभग 2 लाख गतिविधियाँ “जन आंदोलन डैशबोर्ड” पर अपलोड की गईं, जिनमें से 1.20 लाख गतिविधियाँ आईसीडीएस विभाग द्वारा आयोजित की गईं।
डॉ० बबीता सिंह चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय पोषण माह भारत सरकार का एक प्रमुख अभियान है, जिसकी शुरुआत 2018 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य कुपोषण को समाप्त करना, पोषण संबंधी जागरूकता बढ़ाना और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करना है। उन्होंने कहा कि “सुपोषित बच्चे ही देश के भविष्य निर्माता हैं।”
सुपोषित बच्चे हैं देश के भविष्य निर्माता,
स्वस्थ हो हर किशोरी और स्वस्थ हो माता।
शिक्षा और स्वास्थ्य से आगे बढ़ेंगे,
विकास पथ में अपना योगदान देंगे।
स्वस्थ माँ तो स्वस्थ बच्चा, यही है सच्चाई,
यह बात समझ लें सभी बहने और भाई।
यही संदेश देती है आंगनवाड़ी दीदी,
जो कराती है अन्नप्राशन और गोद भराई।