झांसी/यूपी (रिपोर्ट: नेहा श्रीवास)। झांसी के लहचूरा थाना क्षेत्र के ग्राम चकरा में एक ऐसी दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है। क्या कोई दादा इतना बेरहम हो सकता है कि महज 100 रुपये चोरी के शक में अपने 8 साल के मासूम पोते का गला घोंटकर हत्या कर दे? आरोपी दादा सरमन ने न केवल हत्या की, बल्कि शव को भूसे के ढेर में छिपाकर परिवार और पुलिस को भी चकमा देने की कोशिश की। जब सच्चाई सामने आई, तो घरवालों के होश उड़ गए।

घटना की पूरी कालक्रम

घटना 4 अक्टूबर की शाम की है। चकरा गांव में रहने वाले राजेंद्र कुशवाहा के 8 वर्षीय बेटे मुकेश दोपहर करीब 1 बजे से लापता हो गया। परिवार ने उसे इधर-उधर ढूंढना शुरू किया, लेकिन कहीं सुराग नहीं मिला। दादा सरमन खुद भी पोते को तलाशने का नाटक करता रहा। अगले दिन सोमवार को पुलिस को सूचना दी गई। लहचूरा थाने की टीम मौके पर पहुंची और तलाशी अभियान शुरू किया।

शक की सुई दादा सरमन पर आ गई। पूछताछ के दौरान उसके बयानों में विरोधाभास नजर आए। सख्ती बरतने पर सरमन टूट गया और उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने बताया कि मुकेश ने उसकी जेब से 100 रुपये निकाल लिए थे। जब उसने डांटा, तो बच्चे ने जवाब दिया, जिससे गुस्से में आकर उसने मुकेश का गला दबा दिया। मुंह से खून निकलने के बाद भी सरमन नहीं रुका। हत्या के बाद उसने शव को घर के भूसे वाले कमरे में छिपा दिया, ताकि कोई शक न करे।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने हत्या की पुष्टि की। रिपोर्ट में गला घोंटने से मौत होना साफ बताया गया। आरोपी दादा ने पुलिस को कहा, “मैं उसे मारना नहीं चाहता था, बस गुस्से में सबक सिखाना चाहता था।” लेकिन यह बहाना अब किसी काम का नहीं।

परिवार का दर्द और इलाके में सनसनी

मुकेश का पिता राजेंद्र कुशवाहा मजदूरी करता है। परिवार में यह इकलौता बच्चा था, जो स्थानीय स्कूल में पढ़ता था। रविवार को वह स्कूल नहीं गया था, जो अब हत्या का दिन साबित हुआ। परिवार के सदस्य सदमे में हैं। मुकेश की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। पड़ोसियों का कहना है कि सरमन अक्सर नाती पर शक करता था, लेकिन किसी ने इतनी बड़ी वारदात की कल्पना भी नहीं की।

इलाके में यह खबर फैलते ही सनसनी मच गई। ग्रामीणों ने कहा, “रिश्तों का क्या हो गया? महज 100 रुपये के लिए खून का रिश्ता तोड़ दिया।” पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। थाना प्रभारी सरिता मिश्रा के नेतृत्व में टीम में उपनिरीक्षक अखिलेश कुमार, विजय शंकर शुक्ला और भूमिराज सिंह शामिल रहे।

पुलिस जांच और आगे की कार्रवाई

पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर लिया है। सरमन को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी ने हत्या के बाद कई घंटे परिवार के साथ शव तलाशने का ढोंग रचा। प्रारंभिक जांच में कोई अन्य संलिप्तता नहीं मिली, लेकिन पूछताछ जारी है। एसएसपी डॉ. अंकित मित्तल ने बताया कि ऐसे क्रूर अपराध को बख्शा नहीं जाएगा। बच्चे की सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

यह घटना परिवारों में पैसे के लालच और गुस्से के खतरनाक परिणामों पर सवाल खड़े करती है। क्या समाज में रिश्ते इतने कमजोर हो गए हैं? मुकेश जैसे मासूमों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित हो? यह सोचने का विषय है।

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