आगरा: यमुना नदी की लगातार कटान से उपजाऊ भूमि बर्बाद हो रही है, जिससे किसानों का विस्थापन निश्चित हो गया है। इसी भूमि अधिग्रहण विवाद को लेकर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष राजवीर लवानिया के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की और मुख्यमंत्री को संबोधित 17-सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। किसानों ने चेतावनी दी कि जब तक बैठक और समझौते से निर्णय नहीं होगा, वे अपनी एक इंच भूमि भी नहीं देंगे।

धरने का विवरण

जिला मुख्यालय के मुख्य द्वार पर सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक भाकियू के बैनर तले शांतिपूर्ण धरना आयोजित किया गया। किसानों ने बैनर-पोस्टरों के माध्यम से अपनी समस्याओं को उजागर किया और यमुना कटान प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की मांग दोहराई। प्रदर्शन के दौरान जिला प्रशासन ने एडीएम (राजस्व एवं वित्त) शुभांगी शुक्ला और एडीएम (प्रोटोकॉल) अविनाश तिवारी को ज्ञापन सौंपा गया।

किसानों की प्रमुख मांगें

मंडल अध्यक्ष रणवीर सिंह चाहर ने कहा, “किसान प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। जब तक उन्हें फसल का पूरा मूल्य और भूमि सुरक्षा नहीं मिलेगी, विकास अधूरा रहेगा।” जिलाध्यक्ष राजवीर लवानिया ने यमुना कटान से हजारों किसानों की जमीन, मकान और जीविका के नष्ट होने पर दुख जताया। उन्होंने मांग की:

  • यमुना किनारे स्थायी तटबंध का निर्माण।
  • प्रभावित किसानों को समतुल्य भूमि उपलब्ध कराना।
  • सभी ऋण माफ करना।

उन्होंने तहसील एत्मादपुर के मौजा रायपुर और रहन कलां में आगरा विकास प्राधिकरण व प्रशासन की मिलीभगत से किसानों को धमकाने का आरोप लगाया। यूनियन ने चेताया कि बिना संवाद के भूमि अधिग्रहण नहीं होगा—पहले वार्ता, फिर निर्णय।

धरने में अन्य मांगें भी प्रमुखता से उठीं, जैसे:

  • प्रदेशभर में बढ़ती कृषि लागत पर नियंत्रण।
  • एमएसपी को कानूनी दर्जा।
  • आवारा पशुओं से फसल सुरक्षा।
  • आलू उत्पादकों की समस्याओं का समाधान।
  • बिजली दरों में राहत।
  • फसल बीमा भुगतान में पारदर्शिता।

ज्ञापन की मुख्य बातें

ज्ञापन में यमुना किनारे के ग्रामों—बरौली गुर्जर, कुई कुमरगढ़, ठार रामपुर, लायकपुरा, पंजाब नगर, गोला, बरौली, भगदा आदि—के किसानों को बाढ़ और कटान से हुए नुकसान का पूर्ण मुआवजा देने तथा इन्हें आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित करने की मांग की गई। यह धरना भाकियू की प्रदेशव्यापी रणनीति का हिस्सा है, जहां कई जिलों में समान मांगों पर प्रदर्शन हो रहे हैं।

प्रदर्शन में प्रमुख उपस्थित

धरने में युवा प्रकोष्ठ मंडल अध्यक्ष विपिन यादव, महानगर अध्यक्ष मनीष वर्मा, विष्णु कटारा, नत्थू सिंह धाकरे, तांतीराम जादौन, कृष्णवीर सिंह, श्यामवीर सिंह चाहर, बाबा मानसिंह, अभिषेक तारोलिया, कृष्णकांत शर्मा, रणजीत सिंह यादव, अनुरुद्ध सिंह, गवर्नर सिंह तोमर, संदीप शर्मा, मेघ सिंह प्रधान, कोमल सिंह बघेल, रणजीत सिंह रघुवंशी, हरेंद्र सिंह, रविंद्र सिंह, महाराज सिंह सहित सैकड़ों किसान शामिल रहे।

यह प्रदर्शन किसानों की लंबे समय से चली आ रही पीड़ा को उजागर करता है, जहां यमुना कटान ने न केवल फसलें नष्ट की हैं, बल्कि पूरे समुदाय की आजीविका पर संकट ला दिया है। जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि मांगों पर शीघ्र विचार किया जाएगा।

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