मुरैना/मप्र। शिक्षा के मंदिर में अनुशासन की धज्जियां उड़ रही हैं! सबलगढ़ की एसडीएम सुश्री मेघा तिवारी ने गुरुवार को शासकीय प्राथमिक विद्यालय टोंगा का अचानक छापा मारा, तो सामने आया एक शर्मनाक चेहरा। तीन शिक्षक बिना किसी सूचना के ‘गायब’, और मिड-डे मील की व्यवस्था में ऐसी खामियां कि बच्चों का पेट भरने का वादा ही झूठा साबित हो गया। यह घटना न सिर्फ स्थानीय शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ी करती है, बल्कि पूरे जिले में सुधार की घंटी बजा रही है।

निरीक्षण के दौरान एसडीएम ने पाया कि रामदीन रावत, दिनेश चंद गौड़ और महादेवी रावत नामक तीनों शिक्षक स्कूल में नदारद थे। यह लापरवाही बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ जैसी है। तत्काल कार्रवाई में एसडीएम ने जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर इनके खिलाफ अनुशासनात्मक कदम उठाने का आदेश दिया। क्या ये शिक्षक अपनी जिम्मेदारी भूल चुके हैं, या सिस्टम में ही कहीं चूक है? यह सवाल अब जिले के हर अभिभावक के मन में कौंध रहा है।

लेकिन समस्या यहीं खत्म नहीं हुई। मिड-डे मील की व्यवस्था में तो हालात और भी बदतर थे। निर्धारित मेनू के मुताबिक बच्चों को पौष्टिक भोजन नहीं मिल रहा था – न तो ताजा सब्जियां, न ही संतुलित आहार। जय काली मां स्व-सहायता समूह, टोंगा – जो इस योजना को चला रहा है – पर एसडीएम ने सख्ती दिखाई। समूह को कारण बताओ नोटिस थमा दिया गया है, और दो दिनों के अंदर स्पष्टीकरण मांगा गया है। यदि सफाई संतोषजनक न मिली, तो कड़ी सजा का इंतजार करो!

एसडीएम सुश्री तिवारी ने निरीक्षण के अंत में स्कूल प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को कड़ा संदेश दिया: “शिक्षा और पोषण बच्चों का हक है, इसे मजाक न बनाएं। तत्काल सुधार लाएं, वरना आगे की कार्रवाई तय है।” यह निर्देश न सिर्फ टोंगा स्कूल के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक चेतावनी है।

यह घटना शिक्षा विभाग के लिए आह्वान है – क्या हम बच्चों को मजबूत भविष्य देंगे, या ऐसी लापरवाहियों को जारी रखेंगे? अभिभावक सतर्क हो जाएं और स्थानीय प्रशासन पर नजर रखें। मुरैना जिले में शिक्षा सुधार की यह जंग अभी शुरू हुई है। क्या होगा अगला कदम? अपडेट्स के लिए बने रहें।

🔹मु. इसरार खान जिला ब्यूरो चीफ, मुरैना

"गांव से शहर तक, गलियों से सड़क तक- आपके इलाके की हर धड़कन को सुनता है "जिला नजर" न्यूज़ नेटवर्क: नजरिया सच का

error: Content is protected !!
Exit mobile version