आगरा/पुदुचेरी: देशभर में नकली दवाओं की सप्लाई करने वाले एक बड़े अंतरराज्यीय रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। मुख्य आरोपी राजा उर्फ वालियप्पन ने पुदुचेरी कोर्ट में सरेंडर कर दिया, जो आगरा में दर्ज मुकदमे में लंबे समय से वांछित था। सरेंडर के बाद पुदुचेरी पुलिस ने उसके खिलाफ नया मुकदमा दर्ज किया। इससे पहले आगरा पुलिस ने उसके कर्मचारी ए.के. राणा को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

आरोप है कि राजा ने लुपिन (Lupin) सहित अन्य बड़ी कंपनियों के नाम से नकली दवाएं बनवाईं और देशभर में सप्लाई की। आगरा पुलिस की स्पेशल टीम बी-वारंट लेकर पुदुचेरी पहुंच चुकी है, ताकि राजा को कस्टडी में लेकर पूछताछ के लिए आगरा लाया जा सके।

कैसे खुला पूरा नेटवर्क?

राणा की गिरफ्तारी से पूछताछ में उत्पादन, सप्लाई और फंडिंग के बड़े सुराग मिले, जिससे पुलिस मुख्य सरगना राजा तक पहुंची। राजा ने कबूल किया कि 10 साल पहले दवा कारोबार शुरू किया, नुकसान होने पर नकली दवाएं बनानी शुरू कीं। दिल्ली की एक कंपनी के नाम से 16 ब्रांडों की नकली दवाएं तैयार कीं, जो भारी मुनाफे के साथ तेजी से फैल गईं।

16 राज्यों तक फैला था जाल!

नकली दवाएं उत्तर प्रदेश, असम, केरल, आंध्र प्रदेश सहित कुल 16 राज्यों में बेची जा रही थीं। राजा ने चौंकाने वाला दावा किया कि नेटवर्क में बड़ी कंपनियां, एजेंट और पुदुचेरी के कुछ राजनीतिक दिग्गजों का संरक्षण था।

पुलिस की बड़ी कार्रवाई:

पुदुचेरी CBCID ने अब तक 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिसमें राजा, विवेक, ए.के. राणा, मैयप्पन और 9 अन्य शामिल हैं। तिरुपुवनई पलयम और मेट्टूपलयम में फैक्ट्रियां-गोदामों पर छापे मारकर सील किया। करोड़ों की मशीनरी और नकली दवाएं बरामद।

ED और GST की एंट्री:

राजा के घर से गहने-प्रॉपर्टी दस्तावेज मिले। करोड़ों के संदिग्ध ट्रांजैक्शन की जानकारी ED को भेजी गई। GST से पिछले 3 साल का टैक्स डिटेल मांगा गया।

आगरा पुलिस अब राजा से गहन पूछताछ की तैयारी में है – उम्मीद है बड़े खुलासे होंगे। यह रैकेट लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहा था!

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