आगरा: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने से आई भारी तबाही के बाद भारतीय वायुसेना ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। आगरा एयरफोर्स स्टेशन इस आपदा प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस आपदा में खीरगंगा नदी में आए सैलाब ने 25-30 होटल, घर और होम स्टे को बहा दिया, जिसमें 4 लोगों की मृत्यु हो गई और 60-70 लोग लापता हैं। धराली का मुख्य बाजार पूरी तरह तबाह हो चुका है।
आगरा एयरफोर्स स्टेशन की भूमिका
- रेस्क्यू ऑपरेशन: आगरा एयरफोर्स स्टेशन से 114 जवान 13.5 टन आपदा राहत सामग्री के साथ सी-295 और एएन-32 सहित 5 विमानों से देहरादून रवाना किए गए हैं। ये जवान महत्वपूर्ण बचाव सामग्री के साथ ऑपरेशन में जुटे हैं।
- हाईअलर्ट पर तैयारी: बरेली में एमआई-17 और एएलएच एमके-3 हेलिकॉप्टरों को आगे के ऑपरेशन के लिए हाईअलर्ट पर रखा गया है।
- चुनौतियाँ: घने कोहरे और बारिश के कारण उड़ानें सीमित हैं, फिर भी वायुसेना नागरिक-सैन्य संयुक्त ऑपरेशन के जरिए राहत कार्य चला रही है।
आगरा एयरफोर्स का गौरवशाली इतिहास
आगरा एयरफोर्स स्टेशन ने पहले भी कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आपदाओं में महत्वपूर्ण योगदान दिया है:
- तुर्किये भूकंप (2023): तुर्किये में आए भूकंप के बाद आगरा से 60 आर्मी फील्ड अस्पताल की मेडिकल टीम भेजी गई थी। सुपर हरक्यूलिस विमान से 89 सदस्यीय टीम ने राहत कार्य में हिस्सा लिया।
- म्यांमार भूकंप (2025): मार्च 2025 में म्यांमार में भूकंप के बाद ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत आगरा से 118 सदस्यीय मेडिकल टीम भेजी गई। इस टीम ने 60 बेड का अस्पताल, एक्स-रे और जांच मशीनों के साथ राहत कार्य किया।
वर्तमान स्थिति
वायुसेना और स्थानीय प्रशासन मिलकर धराली में राहत कार्यों को तेजी से अंजाम दे रहे हैं। लापता लोगों की तलाश और प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री वितरण जारी है। आगरा एयरफोर्स स्टेशन की त्वरित प्रतिक्रिया और समन्वय ने इस आपदा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।