आगरा: शहर में दशकों से चली आ रही जाम की समस्या अब खत्म होने जा रही है। छावनी विधान सभा क्षेत्र में क्षेत्र में अर्जुन नगर, बारहखंभा और नगला छउआ फाटक पर रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) का निर्माण तेज़ी से जारी है। करीब 116 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रहे इन तीनों आरओबी के बन जाने के बाद न केवल शाहगंज, बल्कि जगनेर मार्ग, रुई की मंडी, आगरा कैंट और ईदगाह क्षेत्र को भी जाम से बड़ी राहत मिलेगी। छावनी विधायक डॉ. जीएस धर्मेश के सात वर्षों के लगातार प्रयासों के बाद यह महत्वाकांक्षी योजना मूर्त रूप ले रही है।
यातायात समस्या को दूर करने के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित तीन प्रमुख रेलवे ओवर ब्रिज- अर्जुन नगर, बारहखंभा और नगला छउआ अब तेजी से आकार ले रहे हैं। इन तीनों आरओबी का निर्माण रेलवे द्वारा पूर्ण रूप से वित्तपोषित है, जिसकी कुल लागत 110 करोड़ रुपये है। इनमें मुख्य रेलवे ओवर ब्रिज वह है जो ईदगाह रेलवे लाइन के ऊपर से गुजरकर सदर तहसील चौराहे पर पहुंचेगा। नगला छउआ और बारहखंभा के आरओबी भी इसी से लिंक कर दिये गये हैं।
छावनी क्षेत्र के विधायक डॉ. जीएस धर्मेश ने आज प्रेसवार्ता में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल के तहत गतिशक्ति योजना के अंतर्गत हाईस्पीड ट्रेन योजना में देशभर के शहरों में स्थित भीड़भाड़ वाले रेलवे फाटकों को चरणबद्ध तरीके से बंद किया जा रहा है, ताकि शहरी यातायात को सुगम बनाया जा सके। आगरा में भी इसी योजना के तहत वर्षों पहले डीपीआर तैयार की गई थी, लेकिन उसमें मौजूद तकनीकी खामियों के चलते इसे निरस्त करना पड़ा। बाद में नई डीपीआर में भी कई त्रुटियां सामने आईं, जिसके बाद पुनः पहले वाली डीपीआर पर ही काम आगे बढ़ाने का निर्णय किया गया।
उन्होंने बताया कि इस विशाल परियोजना को आगे बढ़ाने में तीन मंडल रेल प्रबंधकों रंजन यादव, आनंद स्वरूप और तेज प्रकाश अग्रवाल उन्हें का पूरा सहयोग मिला। वर्ष 2018 से 2025 तक सात वर्षों के निरंतर प्रयासों का परिणाम है कि यह परियोजना अब जमीन पर उतरी है। तीनों आरओबी का निर्माण कार्य वर्तमान में तेज़ी से प्रगति पर है।
आरओबी बनने के बाद न केवल शाहगंज के स्थानीय लोग बल्कि जगनेर मार्ग, रुई की मंडी, आगरा कैंट रेलवे स्टेशन मार्ग और ईदगाह तक आने-जाने वालों को जाम से बड़ी राहत मिलेगी। लोग ईदगाह आरओबी से गुजरकर 2–3 मिनट में सदर तहसील चौराहा पहुंच सकेंगे।
विधायक ने बताया कि रुई की मंडी रेलवे फाटक पर भी जाम की समस्या को देखते हुए रेलवे ने दिल्ली–आगरा कैंट रेलमार्ग के नीचे से एक अंडरपास तैयार किया गया है, जो जल्द ही चालू हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि खेरिया मोड रेलवे पुल पर वर्षों से लगने वाले भीषण जाम के समाधान के लिए भी कार्य योजना तैयार है। खेरिया मोड से ईदगाह और शाहगंज की ओर जाने वाले वाहनों को जिस जाम का सामना करना पड़ता था, वह भी इन आरओबी के बन जाने से खत्म हो जाएगा।
डॉ. धर्मेश ने प्रेस वार्ता में स्पष्ट किया कि शहर को जाममुक्त बनाने के लिए वे लगातार निर्माण एजेंसियों व रेलवे अधिकारियों से संपर्क में हैं और कार्य में तेजी लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
शहरवासियों को उम्मीद है कि जिन सड़कों पर 60 वर्षों से जाम का स्थायी संकट था, वहां अब सुगम यातायात का मार्ग खुलेगा। यह परियोजना आगरा की ट्रैफिक व्यवस्था के लिए एक बड़ा और महत्वपूर्ण परिवर्तन साबित होने जा रही है।





