फिरोजाबाद: जिले में 4 मई को बेटी की बरात आनी थी। पिता बारिश में भी अपने काम में जुटे हुए थे। लेकिन क्या पता थी कि बेटी की डोली उठने से पहले ही पिता की अर्थी उठ जाएगी। पिता ने इकलौती बेटी की शादी के लिए कई सपने संजोए थे।

गांव पवरई निवासी 47 वर्षीय जयदयाल ने अपनी इकलौती बेटी मनोरमा की शादी एका के ही गांव नगला धारा निवासी दिलीप के साथ तय की थी। 4 मई को बरात आनी थी। परिवार के सभी लोग शादी की तैयारी में जुटे थे। पिता भी हर कमी को पूरा करने के लिए मेहनत करने में जुटे थे।

शुक्रवार सुबह मौसम खराब होने के बाद भी दूध वितरण करने के लिए बाइक से गए थे। किसी को नहीं पता थी कि यह अनहोनी घट जाएगी। जयदयाल की मुस्तफाबाद रोड पर घर आते समय बिजली गिरने से झुलसकर मौत हो गई। वह सुबह आठ बजे नगला ठार गांव से दूध लेकर बाइक से घर लौट रहे थे।

पिता ने इकलौती बेटी को शादी में देने के लिए हर सामान पहले से ही खरीद लिया था। बेटी की डोली उठने के दो दिन पहले पिता की अर्थी उठ गई।

ब्लॉक सिरसागंज के गांव कुतुबपुर में शुक्रवार को खेत किनारे मनरेगा का काम करते समय बिजली गिरने से गांव के ही विष्णु और सतेंद्र की मौत हो गई। एक ही गांव के दो युवकों की मौत के बाद गांव में मातम पसर गया। किसी भी घर में चूल्हा नहीं सुलगा। ग्रामीण अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए पहुंच गए थे। इस दौरान हर किसी की आंखें नम दिखीं।

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