कासगंज: जिले की पुलिस में नियुक्त जौनी ट्रैकर डॉग की बीमारी के चलते मौत हो गई। जौनी ट्रैकर डॉग को 2022 में पुलिस की बहादुरी का अवॉर्ड भी मिल चुका था। बुधवार को पुलिस लाइन में पुलिस सम्मान के साथ सलामी दी गई। पुलिस अधिकारियों ने सलामी देकर जौनी की अर्थी को कांधा दिया और उसका अंतिम संस्कार किया।
जौनी का जन्म 23 अक्तूबर 2013 को हुआ था। मैनपुरी जनपद से स्थानांतरण के बाद 19 मार्च 2020 को जिले में तैनात किया गया। करीब साढ़े ग्यारह वर्ष की उम्र में उसकी मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक जौनी ट्रैकर का काफी स्वास्थ्य खराब हो गया। इसके बाद उसका इलाज कराया गया, लेकिन उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ और बुधवार को उसने अंतिम संास ली।
पुलिस लाइन में राजकीय सम्मान के साथ पुलिस अधिकारियों व पुलिसकर्मियों ने पुष्पचक्र अर्पित कर जौनी को श्रद्धांजलि और सलामी दी। इसके बाद जौनी की अर्थी को कांधा लगाकर अंतिम संस्कार कराया। इस दौरान अपर पुलिस अधीक्षक राजेश भारती, सीओ सहावर शाहिदा नसरीन, सीओ आंचल चौहान, सीओ संदीप वर्मा, प्रतिसार निरीक्षक रविंद्र मलिक व अन्य पुलिसकर्मी मौजूद रहे।
कई घटनाओं का कराया था अनावरण
जौनी ट्रैकर डॉग ने जिले में हुई हत्या की बड़ी घटना का खुलासा कराया। इस खुलासे के दौरान तत्कालीन एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति ने डॉग को सैल्यूट किया था। बताया गया कि थाना गंजडुंडवारा क्षेत्र के गांव नूरपुर में 11 अक्तूबर 2022 को नाबालिग दुर्वेश कुमार का अपहरण करने के बाद हत्या कर दी थी।
ढकरई-धुवियाई मार्ग पर बाजरे के खेत में नाबालिग का शव बरामद हुआ था। यह मामला काफी उलझा हुआ था, जिसका खुलासा जौनी की सहायता से हुआ। वहीं इस घटना से कुछ समय पूर्व 4 साल के बच्चे की किडनैपिंग हुई। किडनैपिंग की गुत्थी को जौनी ने सुलझा दिया। बालक को खेत में अपहरणकर्ताओं ने रखा था। जौनी गंध के आधार पर खेत में घुस गया और अपहरणकर्ता बालक को छोडकऱ भाग गए।
नौ महीने हुई थी जौनी की ट्रेनिंग
पुलिस लाइन के प्रतिसार निरीक्षक रविंद्र मलिक ने बताया कि जब जौनी पुलिस टीम में शामिल हुआ तो उसने 9 बार टेस्ट दिया। हैंडलर के द्वारा ट्रेनिंग दी गई। ट्रेनिंग लेने के बाद उसने टेस्ट पास किया और उसे पुलिस में शामिल किया गया। उन्होंने बताया कि ट्रेनर अनुराग यादव ने जौनी को ट्रेनिंग दी थी।