आगरा: आगरा जिले में यमुना नदी एक बार फिर उफान पर है। शनिवार रात 8 बजे वॉटर वर्क्स पर यमुना का जलस्तर चेतावनी बिंदु (495 फीट) से साढ़े तीन इंच ऊपर 495.3 फीट तक पहुंच गया। मथुरा के गोकुल बैराज से शनिवार सुबह 90,483 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद तटवर्ती इलाकों में रविवार सुबह से इसका असर दिखना शुरू हो सकता है। बाढ़ नियंत्रण प्रभारी ने निचले इलाकों में सतर्कता बरतने की चेतावनी जारी की है।
पिछले सप्ताह यमुना का जलस्तर 496 फीट तक पहुंच गया था, जिसके चलते लगभग 500 बीघा फसल जलमग्न हो गई थी। कुछ दिनों तक जलस्तर स्थिर रहने के बाद शुक्रवार रात से यमुना फिर से उफान पर है। शुक्रवार को गोकुल बैराज से 77,107 क्यूसेक और शनिवार को 90,483 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। पिछले 24 घंटों में जलस्तर करीब छह इंच बढ़ा है।
अन्य बैराजों से भी पानी छोड़ा गया
गोकुल बैराज के अलावा, हथिनीकुंड (ताजेवाला) बैराज से शनिवार सुबह 49,553 क्यूसेक और ओखला बैराज से 40,216 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। वहीं, पिनाहट में चंबल नदी का जलस्तर 119 मीटर है, जो बाढ़ के खतरे के स्तर (130 मीटर) से अभी नीचे है।
जानिए प्रशासन की तैयारियां
बाढ़ नियंत्रण प्रभारी एवं एडीएम (वित्त) शुभांगी शुक्ला ने बताया कि यमुना किनारे की सभी बाढ़ चौकियों पर हाई अलर्ट जारी किया गया है। जलस्तर पर हर घंटे नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा, “फिलहाल बाढ़ की आशंका नहीं है, लेकिन निचले इलाकों में खेतों में पानी भरने की संभावना है। लोग नदी किनारे न जाएं।” नावों का संचालन भी बंद कर दिया गया है, और आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए राहत टीमें, नावें, और अस्थायी शिविर तैयार हैं।
40 गांव हाई अलर्ट पर
यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए आगरा के 40 गांवों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, विशेष रूप से दशहरा घाट जैसे संवेदनशील क्षेत्र। प्रशासन ने किसानों और नदी किनारे रहने वाले लोगों से सतर्क रहने और सरकारी निर्देशों का पालन करने की अपील की है।
जनता के लिए सलाह
- नदी किनारे या निचले इलाकों में न जाएं।
- फसलों और पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर ले जाएं।
- बाढ़ चौकियों या स्थानीय प्रशासन से संपर्क में रहें।
- संदिग्ध स्थिति में तुरंत 112 पर कॉल करें।